3 शिकारियों को किया गिरफ्तार, अब पंजा काटने वाले शिकारी की तलाश कर रही टीम
छिंदवाड़ा। पेंच नेशनल पार्क के कोनापिंडरई बीट में पेंच नदी में मिले बाघ की लाश को लेकर अब शिकार के परते खुलने लगी है। बताया जाता है कि बाघ का शिकार छिंदवाड़ा के चौरई रेंज के जंगलो में किया गया था जबकि अपने गुनाह छुपाने शिकारियों ने बाघ की लाश पेंच नदी में फेंक दी।
करंट बिछाकर बाघ को मौत के घाट उतारने वाले शिकारी वनअमले के हत्थे चढ़ गए है, जबकि बाघ के पंजे काटने वाले तस्कर अब भी वनअमले की पकड़ से दूर है। दरअसल चौरई रेंज के ग्राम हिर्री में फसलों को चट करने वाले वन्यप्राणियों को मौत के घाट उतारने खेतों में बड़े पैमाने में करंट बिछाया जाता है। ऐसे हिर्री के निवासी सीताराम पिता विज्जू बेलवंशी ने अपने खेत में करंट बिछाया था। जिसकी चपेट में जंगल का राजा बाघ भी आ गया जिससे उसकी मौत हो गई। जिसके बाद सीताराम ने अपने भाई सूत्रों की माने टंटू और शोभेलाल के साथ मिलकर बाघ के शव को पेंच नदी में फेंक दिया गया।
एसटीएफ के साथ वन विभाग की टीम ने की पड़ताल
पेंच पार्क,भोपाल एसटीएफ और चौरई रेंज की टीम ने मामले की पड़ताल की जिसमें आरोपियों को एसटीएफ और पेंच पार्क की टीम अपने साथ ले गई है। हालांकि देर रात तक बाघ के पंजे काटने वाले तस्करो का खुलासा नहीं हो पाया था। गौरतलब है कि बीते दिन चौरई रेंज के जंगल से लगे पेंच पार्क के बफर रेंज कुंभपानी में एक सात वर्षीय बाघ शव कुछ मछवारों को पेंच नदी में तैरते मिला था । वन्यप्राणी संरक्षण सप्ताह के पहले दिन ही बाघ की मौत की खबर मिलते महकमे में हडक़ंप मच गया था। सूचना के बाद अफसरों सहित वन अमला घटना स्थल बादल पार और कोना पिंडरई के बीच पेंच नदी के छोर में पहुंचकर बाघ के शव को नदी से बाहर निकलवाया गया। जिसका पंजा कटा हुआ था,जबकि पोस्टमार्टम में बाघ की करंट से मौत होना पाया गया।
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करंट बिछाकर हुआ था बाघ का शिकार
- 03 Oct 2022