शिप्रा के पानी में नहाना तो दूर आचमन लायक भी नहीं
उज्जैन। मोक्षदायनी शिप्रा का आंचल एक बार फिर से मैला हो गया है। डेढ़ करोड़ की लागत से लाए गए नर्मदा मैया के जल से पुण्य सलिला शिप्रा नदी पूरी तरह लबालब हो गई है लेकिन इसका पानी काला पड़ गया है। त्रिवेणी के पास खान नदी का कच्चा डेम टूटने से शिप्रा नदी में मिला गंदा पानी बहते हुए गउघाट और रामघाट तक पहुंच गया। नतीजन पूरा पानी काला और बदबूदार हो गया। अब इस पानी में स्नान तो दूर आचमन करने के भी योग्य नहीं है।
करोड़ों भक्तों की आस्था की केंद्र पुण्य सलिला माँ शिप्रा की वर्तमान में जो दुर्दशा हो रही है उसके पीछे प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही एवं उनकी संकुचित सोच ही प्रमुख रूप से जिम्मेदार हैं। दो दिन पूर्व त्रिवेणी के समीप खान नदी पर निर्मित मिट्टी का स्टापडेम टूटने से लाखो लीटर केमिकल युक्त गंदा पानी शिप्रा में मिला गया। जिसके कारण पूर्व से गउघाट पर जमा करीब 156 एमसीएफटी नर्मदा का शुद्ध जल बेकार हो गया। इसके बाद यह पानी रामघाट तक पहुंच गया और स्वच्छ शिप्रा का आंचल पुन: मैला हो गया। नर्मदा नदी से उक्त जल को लाने की लागत करीब डेढ़ करोड़ रुपए बताई जा रही है। घोर आश्चर्य है कि शनि मंदिर स्थित त्रिवेणी पर कई बार कच्चा बांध बनाया गया किंतु एक बार भी यहां पक्का बांध बना कर स्थाई रूप से खान नदी के प्रदूषित पानी को रोकने की योजना नहीं बनाई गई। डॉ.अवधेशपुरी महाराज ने सिंहस्थ 2016 में एक सुझाव दिया था कि त्रिवेणी से कालियादेह महल तक एक कैनाल के द्वारा खान नदी के गंदे पानी को बाईपास कर दिया जाए। उस कैनाल की कीमत 17 करोड़ आ रही थी, किंतु जल संसाधन के विभाग ने उक्त योजना पर काम न करके 100 करोड रुपए की खान डायवर्शन योजना को स्वीकृत किया, जो कि शत-प्रतिशत विफल साबित हो रही है। शहर के जनप्रतिनिधियों और प्रशासन को चाहिए कि उज्जैन को स्मार्ट बनाना चाहते हैं तो उससे पूर्व हमें शिप्रा को स्मार्ट बनाना होगा और शिप्रा को स्मार्ट बनाने के लिए इंदौर का ड्रेनेज वाटर एवं देवास की केमिकल फैक्ट्रियों का केमिकल व उज्जैन के गंदे नालों का गंदा पानी शिप्रा में ना आए इसलिए दूरगामी योजना बनाते हुए कैनाल के द्वारा इस गंदे पानी को आगे बढ़ाना चाहिए। इससे किसानों को सिंचाई के लिए जल मिल सकेगा तथा क्षिप्रा का भी उद्धार हो सके।
उज्जैन
करोडों की लागत़ से लाया गया नर्मदा का पानी काला व बदबूदार हो गया
- 20 Jan 2022