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शब्द पुष्प

कहीं ज़र्रा कहीं सहरा...

  • 06 Jul 2021

कहीं ज़र्रा कहीं सहरा कहीं क़तरा कहीं दरिया 

मोहब्बत और उस का सिलसिला यूँ भी है और यूँ भी 

न पा लेना तिरा आसाँ न खो देना तिरा मुमकिन 

मुसीबत में ये जान-ए-मुब्तला यूँ भी है और यूँ भी