डेंगू बुखार एक वायरल संक्रमण है। यह एक खतरनाक बीमारी है, जो ऐडीस मच्छर के काटने से होती है, जो हमारे घरों के आसपास खड़े पानी में ही पनपता है। ऐडीस मच्छर काले रंग का स्पॉटेड मच्छर होता है, जो प्रायः दिन में ही काटता है।
डेंगू का वायरस शरीर में प्रविष्ट होने के बाद सीधे शरीर के प्रतिरोधी तंत्र पर हमला करता है। इस मच्छर का सफाया करके ही इस बीमारी से पूरी तरह से बचा जा सकता है।
प्रायः मानसून के बाद ही डेंगू के ज्यादा मामले देखने को मिलते हैं। डेंगू प्रायः दो से पांच दिनों के भीतर गंभीर रूप धारण कर लेता है। ऐसी स्थिति में प्रभावित व्यक्ति को बुखार आना बंद हो सकता है और रोगी समझने लगता है कि वह ठीक हो गया है लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है बल्कि यह स्थिति और भी खतरनाक होती है।
कैसे हो डेंगू से बचाव?
बीमारी कोई भी हो, उसके उपचार से बेहतर उससे बचाव ही होता है और डेंगू के मामले में तो बचाव ही सबसे बड़ा हथियार माना गया है। उचित सावधानियां और सतर्कता बरतकर ही इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।
घर की साफ-सफाई का ध्यान रखा जाना बेहद जरूरी है। आपके घर या आसपास के क्षेत्र में डेंगू का प्रकोप न हो, इसके लिए जरूरी है कि मच्छरों के उन्मूलन का विशेष प्रयास हो। डेंगू फैलाने वाले मच्छरों का पनपना रोकें।
निम्नलिखित बातों पर अवश्य ध्यान दें:-
अपने घर में या घर के आसपास पानी जमा न होने दें। जमा पानी के ऐसे स्रोत ही डेंगू मच्छरों की उत्पत्ति के प्रमुख कारक होते हैं। यदि कहीं पानी इकट्ठा हो तो उसमें केरोसीन ऑयल या पैट्रोल डाल दें ताकि वहां मच्छरों का सफाया हो जाए।
पानी के बर्तनों, टंकियों इत्यादि को अच्छी प्रकार से ढ़ककर रखें।
कूलर में पानी बदलते रहें। यदि कूलर में कुछ दिनों के लिए पानी का इस्तेमाल न कर रहे हों तो इसका पानी निकालकर कपड़े से अच्छी तरह पोंछकर कूलर को सुखा दें।
खाली बर्तन, खाली डिब्बे, टायर, गमले, मटके, बोतल इत्यादि में पानी एकत्रित न होने दें। बेहतर यही होगा कि ऐसे कबाड़ और इस्तेमाल न होने वाले टायर इत्यादि को नष्ट कर दें। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कहीं भी पानी जमा होकर सड़ न रहा हो।
घर के दरवाजों, खिड़कियों तथा रोशनदानों पर जाली लगवाएं ताकि घर में मच्छरों का प्रवेश बाधित किया जा सके।
पूरी बाजू के कपड़े पहनें। हाथ-पैरों को अच्छी तरह ढ़ककर रखें।
मच्छरों से बचने के लिए मॉस्कीटो रिपेलेंट्स का प्रयोग कर सकते हैं लेकिन सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना मच्छरों से बचाव का सस्ता, सरल, प्रभावी और हानिरहित उपाय है।
रोगी को हर हाल में पौष्टिक और संतुलित आहार देते रहना बेहद जरूरी है।
डेंगू होने पर तुलसी का उपयोग बेहद लाभकरी है। आठ-दस तुलसी के पत्तों का रस शहद के साथ मिलाकर लें या तुलसी के 10-15 पत्तों को एक गिलास पानी में उबाल लें और जब पानी आधा रह जाए, तब पी लें।
नारियल पानी पीएं, जिसमें काफी मात्रा में इलैक्ट्रोलाइट्स होते हैं, साथ ही यह मिनरल्स का भी अच्छा स्रोत है, जो शरीर में ब्लड सेल्स की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं।
विटामिन सी शरीर के इम्यून सिस्टम को सही रखने में मददगार होता है। इसलिए आंवला, संतरा, मौसमी जैसे विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करें।
(डेंगू के लक्षण उभरने पर तुरंत योग्य चिकित्सक की सलाह अवश्य लें। )
Health is wealth
कहर बरपाता डेंगू का डंक... डेंगू के उपचार से बेहतर है बचाव
- 09 Sep 2021