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गुना

खुद की परवरिश के लिए संघर्ष

  • 07 Mar 2023

छह साल का मासूम, पिता को उम्रकैद दिलाई; अब कलेक्टर से बोला- खाने-रहने कहां जाऊं?
गुना। उम्र 6 साल। अपनी गवाही से मां के हत्यारे पिता को उम्रकैद की सजा दिलाई। अब अपने हक के लिए कलेक्टर के पास पहुंचा। बोला- न रहने के लिए घर है और न खाने के लिए खाना। कहां जाऊं। बहन भी 8 साल की है। नानी बुजुर्ग हैं। क्या करें?। कलेक्टर फ्रैंक ए नोबल ने कहा- महिला बाल विकास की योजना के तहत लाभ दिलाया जाएगा। दोनों बच्चों को हर माह ₹4000 रु. की आर्थिक सहायता मिलेगी।
दरअसल आराेन में 17 अगस्त 2022 काे चरित्र संदेह काे लेकर शैतानसिंह लोधी नामक व्यक्ति ने अपनी पत्नी प्रीति की गला दबाकर हत्या कर दी थी। हाल ही में काेर्ट ने शैतान के ही 6 साल के बेटे राहुल की गवाही पर उसे उम्रकैद की सजा दी है। मां की हत्या के बाद से ही दाेनाें भाई-बहन अपनी नानी राजकुमारी (53) के पास रह रहे हैं। मां के हत्यारे पिता को जेल पहुंचाने के बाद अब यह बच्चा और उसकी बहन नानी को न्याय दिलाने और खुद की परवरिश के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
यह गवाही दी थी 6 साल के बेटे ने
मैं दूसरे कमरे में सो रहा था, तभी मां की चीखने की आवाज आई। मैं पहुंचा तो पिता मां का गला दबा रहे थे। मेरे पहुंचने पर वह बाहर चले गए, मैं डर गया था, मुझे लगा मां सो रही है तो मैं भी उसके पास सो गया। सुबह मां को जगाया पर वह नहीं उठी। पड़ोसी जब घर आए तो पता चला मां नहीं रही।
कोर्ट ने कहा- बच्चे की उम्र इतनी भी कम नहीं है कि वह घटना को देखकर बता न सके
कोर्ट ने कहा कि बच्चे के बयान अदालत का विश्वास हासिल करने के लिए पर्याप्त हैं। बच्चे की उम्र 6 वर्ष है। यह सच है कि उसकी उम्र ज्यादा नहीं है, लेकिन उसकी उम्र इतनी भी कम नहीं है कि वह घटना को देखकर बता न सके। ऐसा कोई नियम नहीं है कि बाल गवाह का साक्ष्य मान्य नहीं है।
बेटे की करंट से माैत, बहू छाेड़कर चली गई
राजकुमारी बताती हैं बेटी प्रीति की हत्या के 1 माह बाद ही इकलौते बेटे की करंट से मौत हो गई। बहू घर छोड़कर चली गई। अब इन दोनों बच्चों के भरण-पोषण का संकट खड़ा हो गया है। अफसरों से बार-बार गुहार लगाई लेकिन सरकार से अब तक कोई मदद नहीं मिली।
मेरे पास सिर्फ एक झोपड़ी है, इन्हें पालने वाला कोई नहीं। दूसरों के सहारे जीने को मजबूर हैं। प्रीति का सामान उसकी ससुराल में ही है। वह भी दिलाया जाए। उसके हिस्से की जमीन भी उसके दोनों बच्चों के नाम कराई जाए। प्रीति का मंगलसूत्र उसके पति ने गिरवी रख दिया था, उसे भी उठाना है।