( जन्म- 20 दिसम्बर, 1871, उत्तर प्रदेश; मृत्यु- जुलाई, 1929)
प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ, नेता और न्यायविद थे। वर्ष 1898 ई. की लखनऊ कांग्रेस में उन्होंने पहली बार भाग लिया था। इसके बाद उन्होंने वर्ष 1920 तक कांग्रेस के होने वाले हर एक अधिवेशन में भाग लिया। गोकरननाथ मिश्र नरम विचारों वाले व्यक्ति थे, यही कारण था कि जब महात्मा गाँधी ने 'असहयोग आन्दोलन' प्रारम्भ किया, तब वे कांग्रेस से अलग हो गये। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी बहुत योगदान दिया था। गोकरननाथ मिश्र का जन्म 20 दिसम्बर, 1871 ई. में उत्तर प्रदेश के हरदोई ज़िले में हुआ था। वे एक सनातनी ब्राह्मण परिवार से सम्बन्ध रखते थे। गोकरननाथ जी प्रारम्भ से ही प्रखर बुद्धि के प्रतिभाशाली छात्र रहे थे। उन्होंने अपनी स्नातक की परीक्षा बहुत ही अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण की थी, इसीलिए उन्हें इंग्लैंण्ड जाकर आगे का अध्ययन करने के लिये नियमित छात्रवृत्ति भी मिलनी थी। किंतु प्राचीन रूढ़ीवादी विचारों वाले उनके दादा-दादी ने गोकरननाथ के विदेश जाने का बहुत विरोध किया, जिसके फलस्वरूप गोकरननाथ मिश्र आगे की उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंण्ड नहीं जा सके। बाद में उन्होंने 'लखनऊ विश्वविद्यालय' में प्रवेश ले लिया और यहाँ से एम.एस.सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की और फिर यहीं से ही क़ानून की डिग्री भी प्राप्त की।
व्यक्तित्व विशेष
गोकरननाथ मिश्र
- 20 Dec 2021