डीएनए जांच से की शवों की पहचान; बस में 13 लोग जिंदा जले थे
गुना। गुना बस हादसे के मृतकों के शव और अवशेष सोमवार को परिजन को सफेद गठिरयों में सौंप दिए गए। डीएनए जांच से इन शवों की पहचान की गई। आरोपी बस मालिक को कोर्ट ने जेल भेज दिया गया है। हादसे में 27 दिसंबर को 13 लोगों की जलने से मौत हो गई थी।
प्रभारी मान सिंह ठाकुर ने बताया कि रविवार को आरोपी बस मालिक भानुप्रताप सिंह (42) पुत्र स्व. बाबू सिंह सिकरवार निवासी विंध्याचल कॉलोनी गुना को गिरफ्तार कर लिया गया। उसने पानीपत में फरारी काटी थी।
13 लोग जिंदा जल गए थे-
बता दें, हादसा बुधवार रात करीब साढ़े 8 बजे हुआ। बस गुना से आरोन की ओर जा रही थी, तभी सामने से आ रहे एक डंपर से बस की टक्कर हो गई। टक्कर लगते ही बस पलट गई और उसमें आग लग गई थी। 11 लोग बस के अंदर ही जल गए। हादसे में कुल 13 लोगों की मौत हुई है। घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। 4 घायलों को इलाज के लिए रेफर कर दिया गया।
आरोपी पर 10 मामले हैं दर्ज-
इस मामले के आरोपी भानु प्रताप सिंह पर कई थानों में आपराधिक मामले दर्ज हैं। सबसे ज्यादा कोतवाली थाने में उस पर मामले दर्ज हैं। उस पर हत्या के प्रयास, बलवा, किसी के घर में बिना अनुमति के घुसने, सशस्त्र डकैती, मारपीट, गाली-गलौज सहित कई मामले दर्ज हैं। 7 मामले कोतवाली में, एक कैंट थाने में और दो न्यायालय के आदेश पर दर्ज हुए हैं। 2009 के एक मामले में तो उसे अदालत ने दो वर्ष की सजा सुनाई थी।
गुना
गुना बस हादसे के मृतकों के अवशेष गठरियों में सौंपे
- 02 Jan 2024