इंदौर। भारतीय प्रबंध संस्थान (आइआइएम) इंदौर ने कैनबरा यूनिवर्सिटी (यूसी) और न्यू साउथ वेल्स यूनिवर्सिटी (यूएनएसडब्ल्यू) के साथ आस्ट्रेलिया इंडिया काउंसिल ग्रांट प्राप्त की है। आस्ट्रेलियाई सरकार की विदेश मामलों और व्यापार मंत्री मारिस पायने ने इस अनुदान की घोषणा की। आइआइएम इंदौर और यूएनएसडब्ल्यू ने ग्रामीण भारत में आफ ग्रिड बिजली का विस्तार करने के लिए एक परियोजना के लिए अनुदान प्राप्त किया है। कुल 146 संगठनों ने अनुदान के लिए आवेदन किया था। इसमें से 11 परियोजनाओं का चयन किया गया है।
आइआइएम के निदेशक प्रो. हिमांशु राय, यूएनएसडब्ल्यू के हिमांशु पोटा और प्रो. मिलिंद साठे ने इस प्रोजेक्ट के तहत पांच अक्टूबर को समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। प्रो. राय ने कहा कि आइआइएम इंदौर का मिशन प्रासंगिक और सामाजिक रूप से जागरुक बिजनेस स्कूल बनना है। हमारा लक्ष्य राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाना है। यह परियोजना आइआइएम इंदौर के समाज की बेहतरी में योगदान देने के मिशन में सहायक होगी और अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के दृष्टिकोण के अनुरूप भी है। यह परियोजना ग्रामीण समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए नवाचार को तेजी से आगे बढ़ाने में भी मदद करेगी।
आइआइएम के प्रो. केयूर ठाकर ने कहा कि यह परियोजना ग्रामीण भारत में बिजली की पहुंच प्रदान करने के लिए वित्तीय समाधान पर केंद्रित है। इसमें आस्ट्रेलिया और भारत दोनों रणनीतिक संस्थागत संबंधों से लाभान्वित होंगे। उन्होंने इसका उद्देश्य ग्रामीण भारत के लिए लंबी अवधि के आधार पर आफ ग्रिड बिजली की आपूर्ति को तेजी से बढ़ाने के लिए एक स्थाई तंत्र की डिजाइन, विकास और परीक्षण करना है। तीनों शैक्षणिक संस्थान अब इस परियोजना पर काम कर रहे हैं। टीम विभिन्न् हितधारकों जैसे नियामकों, विशेषज्ञों, फाइनेंसरों, निमार्ताओं और समुदायों के साथ जल्द ही चर्चा करेगी और क्षेत्र का दौरा करेगी।
इंदौर
ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की पहुंच बढ़ाने पर काम करेगा आइआइएम इंदौर
- 08 Oct 2021