रांची . हमारे देश में प्रतिभा कदम-कदम पर नजर आती है, लेकिन सुविधाओं के अभाव में वह प्रतिभा अक्सर किसी कोने में दम तोड़ देती है। कुछ ऐसा ही हाल राष्ट्रीय हैंडबॉल चैंपियन विकास कुमार पांडेय का है, जो चार बार झारखंड की टीम का हिस्सा बन चुके हैं। विकास की आर्थिक स्थिति इतनी बिगड़ चुकी है कि अब उन्हें अपने घर का खर्च चलाने के लिए गैराज में गाड़ियों की मरम्मत करनी पड़ रही है।
चार साल पहले उठा पिता का साया
जानकारी के मुताबिक, विकास की उम्र महज 20 साल है। वह राष्ट्रीय स्तर पर खेलकूद में गोल्ड मेडल लाकर राज्य का नाम ऊंचा कर चुके हैं, लेकिन अब गैराज में बतौर हेल्पर काम करने को मजबूर हैं। दरअसल, चार साल पहले विकास के पिता की मौत हो गई। इसके बाद मां की मानसिक स्थिति बिगड़ती चली गई। घर की आर्थिक स्थिति बिगड़ी तो खाने के लाले पड़ने लगे। ऐसे में विकास की बहन ने ट्यूशन पढ़ाना शुरू किया, लेकिन लॉकडाउन की वजह से क्लासेज बंद हैं। इसके बाद विकास को मजबूरन चार हजार रुपये महीने वेतन पर गैराज में काम करना पड़ गया।