इंदौर। प्रदेश की पूर्व शिवराज सरकार में ग्रामीण विकास विभाग द्वारा गांवों का अंधियारा दूर करने गांवों में सोलर लैम्प लगाने की योजना के लिए जिले की लगभग सभी पंचायतों को पंचायत भवनों में सोलर लैम्प लगाने के लिए राशि आवंटित की थी, लेकिन इस राशि को सरपंच सचिव ही हजम कर गए और आज तक पंचायतों में सोलर लैम्प नहीं लगाए गए। अब इस मामले में देपालपुर जनपद क्षेत्र के 50 सरपंच- सचिवों पर प्रकरण दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है।
सोलर पंप घोटाले का मामला देपालपुर जनपद का है। देपालपुर जनपद की 50 पंचायतों में सोलर पंप लगाने के लिए प्रत्येक पंचायत को ग्रामीण विकास विभाग द्वारा राशि आवंटित की थी तथा प्रत्येक पंचायत के पंचायत भवन में एवं गांव का क्षेत्रफल बड़ा होने पर प्रमुख चौराहा सहित दो सोलर लैम्प् लगाने के लिए राशि आवंटित की गई थी। जानकारी के अनुसार देपालपुर की 50 पंचायतों में 70 सोलर लैम्प लगाया जाना था लेकिन किसी भी पंचायत में एक भी लैम्प नहीं लगाया गया। प्रत्येक लैम्प के लिए 22 हजार 500 रूपए का आवंटन किया गया था। इस हिसाब से देपालपुर की 50 पंचायतों में 15 लाख रूपए से अधिक की राशि जिम्मेदारों ने हजम कर ली। इस मामले की शिकायत होने के बाद दो साल से जांच चल रही थी। अब सोलर लैम्प के नाम पर घोटाला करने वालों पर देपालपुर जनपद के अधिकारियों द्वारा प्रकरण दर्ज करवाने की तैयारी की जा रही है।
इंदौर
गांवों का उजाला खा गए सरपंच-सचिव, 50 पर प्रकरण की तैयारी
- 26 Jan 2020