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बैतूल

गांव को जादू से बचाने के लिए हत्या

  • 09 Dec 2021

तीन आरोपी पकड़ाए; एक की मां बीमार, दूसरे के पैर में था दर्द, वजह जादू लगती थी
बैतूल। बैतूल के आठनेर थाना इलाके के केलबेहरा में 3 दिन पहले हुए अंधे कत्ल का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। तीन आरोपियों ने पूरे गांव को जादू टोने से बचाने के लिए इस नृशंस हत्याकांड को अंजाम दिया था। पकड़े गए आरोपियों में एक की मां बीमार रहती थी, जबकि दूसरे के पैरों में दर्द की वजह जादू मानते हुए उन्होंने 55 साल के गुलसिंह की छाती और पेट मे चाकुओं के वार और सिर को पत्थर की चक्की से कुचलकर हत्या कर दी थी। भैसदेंही एसडीओपी शिवचरण बोहित ने बुधवार को बैतूल में इस हत्याकांड का खुलासा किया। थाना आठनेर के केलवेहरा में ग्रामीण गुलसिंह की 5 दिसंबर को उसके खेत में खून से सनी लाश मिली थी। पुुुलिस को पहले से ही जादू टोने के शक में हत्या का अंदेशा था, जो सही निकला।
पहला शक भतीजे पर
इस अंधे कत्ल की पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो पूछताछ में पहला शक मृतक गुलसिंह के भतीजे राम पर गया। मृतक की पत्नी शांति ने पुलिस को बताया था कि राम के पिता जो कि उसका देवर भी है, ने दूसरी शादी कर ली थी। जिससे राम नाराज था। उसकी नाराजगी की एक वजह यह भी थी कि मृतक गुलसिंह उसके पिता को डांट फटकार कर रहा था कि उसने दूसरी शादी क्यों की है। इसी से नाराज राम ने गुलसिंह के घर पहुंचकर गाली गलौच की थी। इसी से पहला शक राम पर हुआ, लेकिन उससे की गई पूछताछ में मामला दूसरा ही निकला। राम ने गांव के तीन युवकों पर इसका शक जताया जो सही निकला।
गांव और खुद जादू से होना चाहते थे मुक्त
इस मामले में राम की निशानदेही और उसके बताने पर यह तथ्य सामने आए की गांव के अलकेश की मां बीमार रहती थी, जबकि हेमराज के पैरों में दर्द रहता था। जिसका शक वे गुलसिंह के जादू पर करते थे। गांव का वीनू भी गुलसिंह पर पूरे गांव को जादू करने का शक करता था। तीनों ने इसीलिए उसे खत्म करने की योजना बनाई थी। हालांकि गुलसिंह कोई जादूगर नहीं बल्कि सामान्य झाड़ फूंक करता था।
ऐसे दिया कत्ल को अंजाम
तीनों आरोपी घटना वाली रात राम से मिले थे, जिससे इस हत्या का भेद खुल गया। राम के मुताबिक 4 दिसंबर की रात करीबन 8.30 बजे मेरे घर वीनू उर्फ विनोद आहके मेरे घर आया था और बोल रहा था कि तेरा बड़ा बाप गुलसिंह बहुत जादू टोना करता है। इतना बोल कर जाने लगा बाहर जाकर देखा तो अलकेश भलाबी और हेमराज धुर्वे भी खड़े थे। फिर तीनों जंगल पहाड़ी तरफ चले गये थे। तीनों को पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पता चला कि रात करीबन 8.30 बजे पैदल पैदल गांव से जंगल में गुलसिंह के खेत में झोपड़ी पर पहुंचे तथा गुलसिंह से पीने का पानी मांगा। उस समय गुलसिंह खटिया पर लेटा हुआ था, तभी हेमराज धुर्वे अपने साथ ले गया और धारदार चाकू से गुलसिंह के छाती एवं पेट पर चाकू से वार किया। अलकेश आहके, वीनू उर्फ विनोद आहके ने भी बारी-बारी वार कर हमला कर दिया। तीनों ने पत्थर के पाठ से गुलसिंह के सिर पर बारी-बारी से कुचल कर हत्या कर गोदड़ी ढाक कर अपने घर भाग गए। मारपीट के दौरान बीनू उर्फ विनोद आहके और अलकेश आहके को पैर में चाकू लगने से चोट आई है। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।