इंदौर। आम नागरिकों में जागरूकता के अभाव के चलते जनवरी में वैक्सीन लगवाने के लिए प्रशासन परेशान था, लेकिन अब लगवाने के लिए नागरकि परेशान हो रहे हैं। तहसील को जितने डोज मिल रहे हैं उससे कहीं ज्यादा नागरिक सेंटरों पर उमड़ रहे हैं। कई दिनों से चक्कर काट रहे कुछ लोगों ने दशहरा मैदान के ड््राइव इन वैक्सीन सेंटर पर लगे गमलों को तोड़कर अपना गुस्सा निकाला। यहां लगे पोस्टर-बैनर भी फाड़ डाले।
इस साल जनवरी के अंतिम दिनों से वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया था। मार्च माह तक सेंटर खाली पड़े रहते थे। नागरिक वैक्सीन लगवाने ही नहीं आ रहे थे। इस कारण प्रशासन की नींद उडऩे लगी। पूरा प्रशासन नागरिकों को इसके लिए जागरूक करने में जुट गया। समाजसेवियों, संस्थाओं, समाजों के प्रमुखों, राजनेताओं की सहायता ली गई। यहां तक की लक्की ड््रा का भी आयोजन शुरू किया गया ताकि नागरिक वैक्सीन लगवाने सेंटरों पर आएं। प्रशासन ने हर मोहल्लों में सेंटर शुरू करवा दिए ताकि नागरिकों को सेंटर तक भी नहीं आना पड़े। धीरे-धीरे जागरूकता आई और सेंटरों पर भीड़ उमडऩे लगी। इस जागरूकता व वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या को देखते हुए प्रशासन ने तहसील में 40 से ज्यादा सेंटर शुरू करवा दिए। यही नहीं दूरदराज के ग्रामीण अंचलों में तो मोबाइल वैन तक भेजकर वैक्सीन लगवानी शुरू कर दी।
कुछ समय पूर्व दशहरा मैदान पर ड््राइव इन वैक्सीन सेंटर शुरू किया गया। यहां की सफलता को देखते हुए ऐसा ही एक सेंटर सुपर सिटी में भी शुरू किया गया। इसी जागरूकता के कारण अब यह स्थिति हो गई कि डोज कम पडऩे लगी। कई बार तो लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए वापस लौटना पड़ा। वैक्सीन की कमी के चलते कई दिनों तक सेंटर बंद रखने पड़े तो कई बाद सिर्फ द्वितीय डोज ही लगाई गई। अब तो नाममात्र की संख्या में डोज आ रही है। इस कारण गुस्सा बढ़ता जा रहा है क्योंकि कंपनियों व अन्य संस्थानों में वैक्सीन अनिवार्य कर दी गई है। अब नागरिकों का गुस्सा सेंटरों की व्यवस्था पर निकलने लगा है।
इंदौर
गमले तोड़ दिए, पोस्टर-बैनर फाड़ डाले
- 14 Jul 2021