जबलपुर सेंट्रल जेल के प्रहरियों से पूछता है मुकुल- बाहर निकलने का तरीका बताओ
जबलपुर। जबलपुर में रेलकर्मी और उनके 8 साल के बेटे की हत्या का आरोपी मुकुल सिंह सेंट्रल जेल में है। उसे स्पेशल सेल में रखा गया है। 24 घंटे निगरानी भी की जा रही है। वह बाहर निकलने के लिए व्याकुल है। प्रहरियों से जेल से निकलने का तरीका पूछता है। वह इसी फिराक में रहता है कि जेल से कैसे निकले। वारदात के 75 दिन बाद रेलकर्मी की नाबालिग बेटी को हरिद्वार से पकड़ा गया था। इसके बाद उसके बॉयफ्रेंड मुकुल ने 30 मई को जबलपुर थाने में सरेंडर किया। 1 जून की रात सिविल लाइन थाना पुलिस मुकुल को लेकर मिलेनियम कॉलोनी पहुंची। यहां 15 मार्च को हुए मर्डर का रिक्रिएशन किया।
15 मार्च को हुई थी रेलकर्मी और उनके बेटे की हत्या
जबलपुर में 15 मार्च शुक्रवार को 52 साल के रेलवे कर्मचारी राजकुमार और उसके 8 साल के बेटे तनिष्क का शव लहूलुहान हालत में उनके सरकारी आवास में मिला था। बेटे का शव फ्रिज में पॉलीथिन में लिपटा मिला। पिता-पुत्र के शव पर धारदार हथियार के निशान थे। वहीं, 14 साल की बेटी लापता थी।
सुबह करीब 8.30 बजे राजकुमार की बेटी ने परिवारवालों को मोबाइल से वॉइस मैसेज भेजा। इसमें कहा- दादा मुकुल आया था। पापा और भैया की हत्या कर दी है।
आरोपी को पछतावा अब भी नहीं-
मुकुल सिंह को 6 जून को केंद्रीय जेल लाया गया था। फिलहाल उसे स्पेशल सेल में रखा गया है, जहां बंदियों की विशेष निगरानी रहती है। यह सेल सामान्य बैरकों से अलग बनी है। यहां 24 घंटे जेल प्रहरी और अन्य बंदियों को तैनात किया है। जेल अफसरों का कहना है कि एक अपराधी वो होता है, जिसे अपराध का बोध होता है, लेकिन मुकुल सिंह को दो हत्याएं करने के बाद भी पछतावा नहीं है।
जेल से निकलना है, क्या किया जाए-
केंद्रीय जेल के जेलर मदन कमलेश का कहना है कि मुकुल सिंह जब कभी जेल प्रहरियों से बात करता है, तो यही पूछता है कि जेल से बाहर निकलने का तरीका क्या है? उसकी बात सुनकर कई बार जेल प्रहरी भी सन्न रह गए। उसकी हर हरकत की जानकारी रोजाना जेल अधीक्षक को भेजी जा रही है। जानकारी मिली है कि मुकुल सिंह हरदम यही सोचता है कि किसी भी कीमत में जेल से बाहर निकलना है, फिर चाहे भागना क्यों न पड़े। सुरक्षा में लगे बंदियों से कई बार ये भी पूछा कि बाहर निकालने के लिए जमानत कौन दे सकता है।
लगातार की जा रही काउंसिलिंग
केंद्रीय जेल में लाने के बाद पिछले 6 दिन में दो बार काउंसिलिंग की गई है। इस दौरान वह सामान्य व्यक्ति की तरह व्यवहार करता है। दिनचर्या में समय पर भोजन करता है। बैरक में घूमता है। शौच के लिए जाने पर एक प्रहरी उसके साथ जाता है।
सर, मेरी जमानत होगी या नहीं-
जब कभी जेल अधिकारी निरीक्षण करते हैं, मुकुल सिंह के पास पहुंचते हैं, तो उसका एक ही सवाल होता है कि मुझे जेल से बाहर निकलना है, मेरी जमानत कैसे हो सकती है, कब होगी। वह यहां तक पूछता है कि बाहर जाने का रास्ता आप ही बता दें। जेलर मदन कमलेश ने बताया कि उसकी निगरानी में विशेष जेल प्रहरियों की ड्यूटी लगाई गई है, जो 24 घंटे निगरानी करते हैं। जेल में किसी को नुकसान न पहुंचाए या फिर खुद जख्मी न कर लें, इसके लिए भी विशेष निगरानी रखी जा रही है।
जबलपुर
गर्लफ्रेंड के पिता-भाई की हत्या का आरोपी स्पेशल सेल में
- 13 Jun 2024