भोपाल। इन दिनों एक बार फिर से प्रदेश में बिजली संकट गहराने लगा है। चुनावी साल में बिजली संकट के चलते सरकार हर हाल में किसी भी तरह से बिजली का आपूर्ति बनाए रखना चाह रह है, जबकि बारिश न होने से उत्पादन कम है। सिंचाई के लिए किसानों को डिमांड के मुताबिक बिजली नहीं मिल पा रही है। इस संकट की एक बड़ी वजह चार बिजली घरों की 1745 मेगावाट क्षमता की यूनिटों का मेंटेनेंस के कारण बंद होना भी हैं। इस बीच वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी ने 600 मेगावाट बिजली खरीदने की तैयारी की है।
सरकार ने बिजली खरीदने के लिए ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे को दिल्ली भेजा था। देश भर में संकट के चलते फिलहाल कहीं से बिजली नहीं मिल सकी है। दूसरी ओर, वेस्टर्न रीजन के लोड डिस्पैच सेंटर की रिपोर्ट में प्रदेश के चार बिजली घरों की यूनिट का जिक्र किया गया है। वेस्टर्न रीजन में सेंट्रल सेक्टर से 3270 मेगावॉट और स्टेट सेक्टर से 4522 मेगावॉट बिजली उत्पादन नहीं होना बताया गया है। इन बिजली घरों की चार यूनिट्स के 10 सितंबर से 18 अक्टूबर तक ठीक होने की संभावना व्यक्त की गई है। संजय दुबे का कहना है, उपभोक्ताओं को दिक्कत नहीं होने देंगे।
निजी क्षेत्र के तीन बिजली घरों की भी 1305 मेगावाट क्षमता की यूनिट बंद हैं। इनमें से पावर हाउस की यूनिट बॉयलर ट्यूब लीकेज के कारण बंद होना बताया गया है।
भोपाल
गहराया बिजली संकट गहराया, 4 बिजली घरों की 1745 मेगावाट की यूनिट बंद, अब 600 मेगावाट बिजली खरीदेंगे
- 07 Sep 2023