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गहलोत-पायलट विवाद में गृहमंत्री की एंट्री- नरोत्तम बोले- सचिन राजस्थान का बड़ा चेहरा; सोनिया-राहुल तय करें- गद्दार कौन?

  • 26 Nov 2022

भोपाल। राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और सीनियर लीडर सचिन पायलट विवाद में मध्यप्रदेश के गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा की एंट्री हो गई है। गृहमंत्री डॉ. मिश्रा सचिन पायलट के बारे में बोले कि वे राजस्थान का बड़ा चेहरा हैं। अब सोनिया गांधी और राहुल गांधी ही तय करें कि राजस्थान में गद्दार कौन है?
गृहमंत्री ने बातों ही बातों में सीएम गहलोत पर भी हमला बोला है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के दौरान राजस्थान में मचे घमासान को लेकर उन्होंने गहलोत को घेरा और पायलट का समर्थन किया। ऐसे में एक बार फिर से कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी विवाद के बहाने पायलट को अपने तरफ खींच सकते हैं और मध्यप्रदेश के सीनियर बीजेपी नेताओं को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है।
यह है राजस्थान का विवाद
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान आने से पहले कांग्रेस में एक बार फिर भारी खींचतान शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री गहलोत ने सचिन पायलट पर अब तक का सबसे बड़ा हमला बोलते हुए दो दिन पहले कहा था कि पायलट को कैसे सीएम बना सकते हैं। जिस आदमी के पास 10 विधायक नहीं हैं, जिसने बगावत की हो, जिसे गद्दार नाम दिया गया है, उसे लोग कैसे स्वीकार कर सकते हैं। इसके बाद राजस्थान में सियासत गरमा गई है। इसकी लो मध्यप्रदेश में भी देखने को मिल रही है। गृहमंत्री डॉ. मिश्रा के बयान से कई कयास लगाए जा रहे हैं।
गृहमंत्री ने यह कहा
राजस्थान विवाद को लेकर गृहमंत्री ने कहा- राहुल गांधी जी को तय करना है कि गद्दार कौन है? गहलोत जी तय नहीं कर सकते। जिसके पिता राजेश पायलट पूरे जीवन कांग्रेस को समर्पित रहे। जिनके बेटे सचिन पायलट भी एक वर्ग का प्रतिनिधित्व करके कांग्रेस का बड़ा चेहरा है। उन्हें ऐसे सार्वजनिक गद्दार कहना ठीक नहीं है। जबकि राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में किसने बगावत की, गद्दार कौन हैं यह सबने देखा। चुनाव में सोनियाजी को जिसने आंखें दिखा दी वो या जिन्होंने गेहलोत जी को आंखें दिखाई वो, यह तो राहुल बाबा ही तय करेंगे।
इधर, पायलट राहुल की यात्रा में हुए शामिल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा इन दिनों मध्यप्रदेश में है। यात्रा के दूसरे दिन यानी 24 नवंबर को राजस्थान के नेता सचिन पायलट भी शामिल हुए और राहुल गांधी व प्रियंका गांधी के साथ कई किलोमीटर चले। उन्होंने खुद ट्विट करके इसकी जानकारी दी।
सचिन के फेवर में उतरने के कई मायने
मध्यप्रदेश के बीजेपी नेताओं के सचिन पायलट के फेवर यानी समर्थन में उतरने के कई मायने निकाले जा रहे हैं। अगले साल मध्यप्रदेश और राजस्थान दोनों ही जगह विधानसभा चुनाव होने हैं। चूंकि, मध्यप्रदेश में गुर्जर समाज का एक बड़ा वर्ग है। पायलेट उसी वर्ग से आते हैं। ऐसे में उनके समर्थन में उतरकर बीजेपी नेता समाज को मैसेज देना चाहती है। भविष्य में पायलट के बीजेपी में शामिल होने की संभावनाएं भी देखी जा रही है। पायलट केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के दोस्त भी हैं।