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घाटी में राष्ट्रवादी स्वर : बौखलाए पाकिस्तान ने रची टारगेट किलिंग की साजिश

  • 19 Aug 2021

जम्मू। कश्मीर में आतंकी संगठनों ने पाकिस्तान के इशारे पर राष्ट्रवादी ताकतों को पैर पसारने से रोकने के लिए भाजपाइयों को निशाना बनाकर टारगेट किलिंग की साजिश रची है। घाटी में 370 हटने के बाद राष्ट्रवाद की प्रखर होती आवाज, तिरंगे के प्रति बढ़ता सम्मान पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर घाटी में हर ओर तिरंगे की धूम और लाल चौक के तिरंगे की रोशनी से जगमग होने से पाकिस्तान की बौखलाहट और बढ़ गई है। पाकिस्तान की कोशिश है कि लोगों में डर का माहौल पैदा किया जाए ताकि राष्ट्रवादी ताकतें यहां पैर न पसार सकें। 
सरकार ने टारगेट किलिंग को गंभीरता से लिया है। घाटी में सुरक्षा खतरे की नए सिरे से समीक्षा की हिदायत दी गई है। सूत्रों ने बताया कि प्रत्येक जिले में ऐसे लोगों की पहचान करने को कहा गया है जिन्हें खतरा है और जिन्हें अब तक सुरक्षा नहीं दी गई है। ऐसे लोगों को सुरक्षा देने पर विचार किया जा रहा है। यह भी कहा गया है कि कुछ नए उच्च सुरक्षा प्राप्त स्थानों को भी चयनित किया जाए, जहां ऐसे लोगों के  रहने का प्रबंध किया जा सके। 
अब भी श्रीनगर समेत विभिन्न जिलों में होटलों और कुछ अन्य स्थानों पर सुरक्षा खतरे वाले लोगों को आवासीय सुविधा दी गई है। इनमें पूर्व विधायक, पंचायत प्रतिनिधि और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं। सुरक्षा प्राप्त व्यक्तियों को हिदायत है कि वे पुलिस को सूचना दिए बगैर बाहर न जाएं। 
कश्मीर में भाजपा के पांच हजार पदाधिकारी हैं, जिनके पास मुख्य संगठन के अलावा मोर्चों ओर प्रकोष्ठों की जिम्मेदारी है। इन्हें खतरा अधिक है। सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हर किसी को सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है। लेकिन जिन्हें खतरा है उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने पर विचार चल रहा है। यदि किसी को सुरक्षा संबंधी धमकी मिली है तो वह भी पुलिस के साथ उसे साझा करे।
भाजपा का दावा है कि घाटी में उसने दो लाख लोगों को साथ जोड़ा है। पार्टी सदस्यता से पाक परस्त संगठनों में बौखलाहट है। बौखलाहट इस बात को लेकर भी है कि हुर्रियत की जुबान बंद हो गई है। पत्थरबाजी का दौर लगभग खत्म हो गया है। पाकिस्तानी नारे लगना और पाकिस्तान झंडे लहराना बंद हो गए हैं। अमन और शांति है। युवा अपने करिअॅर पर फोकस कर रहे हैं। ऐसे में पिछले तीन दशक का अपना एजेंडा फ्लाप होते देख आईएसआई और आतंकी तंजीमों के  आकाओं ने सॉफ्ट टारगेट के रूप में भाजपा कार्यकर्ताओं-नेताओं को चुना है।