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इंदौर

घर की छत को कर दिया हरा भरा

  • 19 Feb 2024

इंदौर। शहर के घरों में बागवानी के लिए अब ज्यादा जगह नहीं बची है। पहले घर के आगे या पीछे, पौधों के लिए जगह छोड़ी जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे पौधों की जगह कमरों ने ले ली। हालांकि जिन्हें बागवानी का शौक होता है तो वह लोग पौधों के लिए जगह निकाल ही लेते हैं। ऐसा ही कुछ किया है प्रजापत नगर में रहने वाले दिनेश प्रजापति ने। दिनेश निजी कंपनी में काम करते हैं। वह इंडस्ट्री के आसपास लगे पेड़-पौधों और हरियाली से इतना प्रभावित हुए कि उन्हें भी बागवानी का चस्खा लग गया। दिनेश पिछले 10 सालों से गार्डनिंग कर रहे हैं। शौक ऐसा कि पूरी छत को बगीचा बना दिया। शुरूआत करीब 20 पौधों से की और देखते ही देखते आज उनके पास 150 से अधिक गमलों में 50 से अधिक प्रजाति के पौधे हैं। इनमें हरे पत्तेदार पौधे ज्यादा हैं। उन्होंने गमलों के बीच एक झूला लगाया है। दिनेश कहते हैं कि यहां बैठकर लगता है कि सारी थकावट गायब हो गई है।
दिनेश ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से डेकोरेटिव प्लांट ज्यादा उगाए हैं। इनमें हरे पत्तेदार वाले पौधे जैसे स्पाइडर प्लांट,पॉम ट्री, गुलाब, ड्रेसेना लाइव प्लांट, रियो का पौधा, मनी प्लांट, लक्ष्मी पत्ती के पौधा, अरेलिआ, क्रिसमस ट्री, गुड़हल का पौधा शामिल हैं। उनका कहना है कि फ्लॉवरिंग और वेजिटेबल प्लांट में रखरखाव ज्यादा है। इस वजह से पत्तेदार पौधे ज्यादा लगाए हैं, ताकि घर में हरियाली रहे।
परिवार के साथ गार्डनिंग पिकनिक से कम नहीं
दिनेश ने बताया कि गार्डनिंग का शौक ऐसा है जिसमें आप गर्मी, पसीना, थकावट सब भूलकर शिद्दत से मेहनत करते हैं। खिलते फूल, झूमती टहनियां आपको असली सुकून का अहसास कराते हैं। पहले यह शौक सिर्फ उन्हें था लेकिन धीरे-धीरे इसे पूरे परिवार ने अपना लिया। वह काम पर जाने से पहले रोज आधा घंटा पौधों की देखभाल करते हैं। रविवार को परिवार (पत्नी , दो बेटियां, बेटा) सुबह से दोपहर तक समय पौधों की कटिंग, छत की सफाई आदि करता है। इसी बहाने परिवार एक साथ समय भी गुजार लेता है। यह समय पिकनिक से कम नहीं होता है। घर में आने मेहमान पौधों से सजी छत देखकर अचंभित हो जाते हैं। वह हर मेहमान को एक पौधा गिफ्ट कर उन्हें भी बागवानी करने के लिए प्रेरित करते है। उनसे प्रेरित होकर आस-पास के कई लोगों ने बागवानी शुरू कर दी है।
दिनेश ने बताया कि उन्होंने मुख्य रूप से डेकोरेटिव प्लांट ज्यादा उगाए हैं। इनमें हरे पत्तेदार वाले पौधे जैसे स्पाइडर प्लांट,पॉम ट्री, गुलाब, ड्रेसेना लाइव प्लांट, रियो का पौधा, मनी प्लांट, लक्ष्मी पत्ती के पौधा, अरेलिआ, क्रिसमस ट्री, गुड़हल का पौधा शामिल हैं। उनका कहना है कि फ्लॉवरिंग और वेजिटेबल प्लांट में रखरखाव ज्यादा है। इस वजह से पत्तेदार पौधे ज्यादा लगाए हैं, ताकि घर में हरियाली रहे।
वह पौधों की बच्चों की तरह देखभाल करते हैं। गर्मी में पौधों को धूप से बचाने के लिए उन्होंने छत के आधे हिस्से में शेड बनवाया है और ग्रीन ग्रास की नेट लगा दी है, ताकि छत अधिक गरम न हो। साथ ही पौधे भी सुरक्षित रहें। वह पेस्टीसाइड के अलावा घरेलू वेस्ट से बनी खाद का इस्तेमाल करते हैं। पौधे को पानी देने के लिए हजार लीटर का वाटर टैंक भी लगाया है। जब छत पर जगह कम पड़ने लगी तो उन्होंने हैंगिंग गमलों का उपयोग करना शुरू कर दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा पौधे लगा सकें। छत हरी-भरी होने से रोज कई तरह के पंछी और गिलहरी आते हैं। उन्होंने इनके लिए दाना-पानी की व्यवस्था भी है।