श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) हिरदेश कुमार ने एक बड़े फैसले में घोषणा की है। आयोग ने कश्मीर से बाहर के लोगों को भी मतदान का अधिकार दिया है। इनमें कर्मचारी, छात्र, मजदूर या देश के दूसरे राज्यों के वे व्यक्ति शामिल होंगे जो आमतौर पर जम्मू-कश्मीर में रह रहे हैं। वे मतदााता सूची में अपना नाम दर्ज करा सकते हैं। साथ ही जम्मू-कश्मीर में होने वाले चुनाव में वोट कर सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि बाहरी लोगों को मतदाता के रूप में सूचीबद्ध करने के लिए अधिवास की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि अन्य राज्यों के सशस्त्र बल के जवान जो जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं, वे भी अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ सकते हैं।
चुनाव आयुक्त ने स्पष्ट किया कि गैर-स्थानीय लोगों के लिए मतदान के लिए कोई रोक नहीं है। उन्होंने कहा, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि कोई जम्मू कश्मीर में कितने समय से रह रहा है। गैर स्थानीय जम्मू कश्मीर में रह रहा है या नहीं इस पर अंतिम फैसला ईआरओ करेगा। यहां किराए पर रहने वाले भी मतदान कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि मतदाता सूची में शामिल होने की एकमात्र शर्त यह है कि व्यक्ति ने अपने मूल राज्य से अपना मतदाता पंजीकरण रद्द कर दिया हो। आयोग के इस फैसले से मतदाता सूची में करीब 20 से 25 लाख नए मतदाता शामिल होंगे।
चुनाव आयुक्त के इस फैसले पर पीडीपी की मुखिया महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, 'पहले 'जम्मू-कश्मीर में चुनावों को स्थगित करने का भारत सरकार का निर्णय और अब गैर स्थानीय लोगों को वोट देने की अनुमति देना, यह भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणामों को प्रभावित करना के संकेत हैं। असली उद्देश्य स्थानीय लोगों को शक्तिहीन करने के लिए जम्मू-कश्मीर पर सख्ती से शासन करना जारी रखना है।''
साभार लाइव हिन्दुस्तान
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चुनाव आयोग का बड़ा फैसला : जम्मू-कश्मीर में बसे बाहरी भी डाल पाएंगे वोट
- 18 Aug 2022