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उज्जैन

चुनाव तक मिलेगी सुविधा, आचार संहिता का लाभ; वीआईपी की 200 सीटों पर भी आम श्रद्धालु कर सकेंगे भस्मारती

  • 04 Jun 2022

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की भस्मआरती में अब आम श्रद्धालुओं का कोटा बढ़ गया है। अब तक उनके लिए 300 सीट थी, जबकि जनप्रतिनिधियों और उनके समर्थकों के लिए 200 सीट आरक्षित रखी जाती थी। अब इन सीटों पर भी आम श्रद्धालु दर्शन लाभ ले सकेंगे। व्यवस्था में बदलाव पंचायत व नगरीय निकाय चुनाव की आचार संहिता के कारण हुआ है।
त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता भी प्रभावी हो गई है। इसका लाभ श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में आने वाले श्रद्धालुओं को होने लगा है। आम दिनों में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों या उनके माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं को भस्मआरती के लिए वीआईपी अनुमति व प्रोटोकाल से दर्शन कराने सुविधा प्रदान की जाती है। आचार संहिता प्रभावी होने के बाद श्री महाकालेश्वर मंदिर में राजनीतिक दल के माध्यम से आने वाले अतिथियों को प्रोटोकाल से दर्शन की सुविधा पर ब्रेक लगा दिया गया है।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेशकुमार धाकड़ ने बताया देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु आते हैं। उनमें से अधिकांश अलसुबह होने वाली भस्मआरती दर्शन लाभ लेना चाहते हैं लेकिन कोटा सीमित होने से वे इससे वंचित रह जाते हैं।
मंदिर में भस्मआरती के लिए 500 सीट ऑफलाइन उपलब्ध है। इनमें से 300 आम श्रद्धालुओं के लिए नि:शुल्क प्रदान की जाती है और करीब 200 सीट जनप्रतिनिधियों और उनके समर्थकों के लिए आरक्षित रखी जाती है। आचार संहिता के बाद उन्हें यह सुविधा नहीं मिलेगी। इसका लाभ भी आम श्रद्धालुओं को मिलेगा।
सामान्य श्रद्धालुओं की दर्शन और भस्मआरती के लिए अनुमति की व्यवस्था के अलावा मंदिर समिति प्रोटोकाल से दर्शन कराने और भस्मआरती के लिए अनुमति जारी करने की सुविधा भी देती है। इसमें शासकीय विभाग, न्यायिक विभाग, प्रेस, राजनीतिक दल व जनप्रतिनिधियों के लिए कोटा निर्धारित है।
इन्हें प्रोटोकाल सुविधा नहीं
श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की ओर से मंत्री, सांसद, विधायक या राजनीतिक दल के प्रमुख पदाधिकारी, जनप्रतिनिधि के माध्यम से मंदिर आने वाले अतिथियों को प्रोटोकाल के माध्यम से दर्शन कराने की व्यवस्था है। आचार संहिता लागू होने से मंदिर प्रशासन ने राजनीतिक दल व जनप्रतिनिधियों के माध्यम से प्रोटोकाल के लिए आने वाले अतिथियों के नाम लेना बंद कर दिए हैं। यह सुविधा जारी रखते हैं तो आचार संहिता उल्लंघन की श्रेणी में आता है। मंदिर समिति ने यह व्यवस्था बंद कर दी है।
चार घंटे गर्भगृह में आम दर्शन-पूजन
श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग आने वाले श्रद्धालुओं को गर्भगृह में दर्शन लाभ भी मिलेगा। प्रशासक धाकड़ के अनुसार मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को ज्यादा भीड़ नहीं होने की स्थिति में दोपहर 1.30 बजे से 4.30 बजे तक आम श्रद्धालु गर्भगृह में जाकर दर्शन-पूजन कर सकेंगे। शुक्रवार को दोपहर 1.30 से शाम 4.30 बजे तक गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खुला रहा। इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को दर्शन व स्पर्श करने का लाभ मिला। उनका कहना है कि शनिवार, रविवार और सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा होने से गर्भगृह में आम दर्शन-पूजन बंद रखे जाते हैं लेकिन अगर इन दिनों में भी श्रद्धालुओं की संख्या सीमित रही तो दोपहर में गर्भगृह में आम श्रद्धालुओं का प्रवेश खोला जा सकता है।