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भोपाल

चुनावी रण में  64 सीटों पर त्रिकोणीय, 7 पर चतुष्कोणीय मुकाबला

  • 06 Nov 2023

24 बागी और बसपा-गोंगपा गठबंधन के 31 उम्मीदवार बिगाड़ रहे समीकरण
भोपाल।  विधानसभा के चुनावी रण में भाजपा-कांग्रेस को 71 सीटों पर त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष झेलना पड़ रहा है। 159 सीटें ही ऐसी हैं, जहां दोनों आमने-सामने हैं। सबसे ज्यादा नुकसान सपा और बसपा-गोंगपा गठबंधन 41 सीटों पर जबकि निर्दलीय 24 सीटों पर कर रहे हैं। इसके अलावा आम आदमी पार्टी (आप), जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) समेत दूसरे दल भी दोनों प्रमुख दलों का समीकरण बिगाड़ रहे हैं। पिछली बार 60 सीटों पर त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबला हुआ था।
नाम वापसी के बाद अब तस्वीर साफ हो गई है कि कहां-कौन बागी या तीसरे दल का प्रत्याशी मजबूती से मैदान में टक्कर दे रहा है। इस बार विधानसभा चुनाव में कोई लहर भी नहीं दिख रही है। ऐसे में हर एक सीट पर मुकाबला दिलचस्प हो गया है। जहां सीधी लड़ाई है, वहां साफ दिख रहा है कि किसका पलड़ा भारी है लेकिन जहां त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय संघर्ष है, वहां पेंच फंसा है।
बहुकोणीय लड़ाई में चुनावी बाजी कैसे पलटती है-
 दमोह जिले की पथरिया विधानसभा सीट पर 2018 में बसपा की रामबाई ने जीत दर्ज की थी। भाजपा ये सीट महज 2205 वोटों के अंतर से हार गई थी। इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला हुआ था। भाजपा के बागी बृजेंद्र सिंह निर्दलीय चुनाव में उतरे थे।
ये सीन बना था
बीएसपी- रामबाई 39,267 वोट
बीजेपी- लाखन पटेल 37,062 वोट
निर्दलीय- बृजेंद्र सिंह 27,074 वोट
कांग्रेस- गौरव पटेल 25,438 वोट
 जबलपुर उत्तर विधानसभा सीट पर 2018 में तत्कालीन मंत्री रहे बीजेपी प्रत्याशी शरद जैन 578 वोटों के अंतर से हार गए थे। अरसे से बीजेपी के पास रही इस सीट पर तब कांग्रेस के विनय सक्सेना जीते थे। बीजेपी को अपने बागी धीरज पटेरिया के निर्दलीय चुनाव लडऩे का नुकसान हुआ था।
ये सीन बना था
कांग्रेस- विनय सक्सेना 50,045 वोट
बीजेपी- शरद जैन 49,467 वोट
निर्दलीय- पंडित धीरज पटेरिया 29,479 वोट
पिछली बार 30 सीटों पर कांटे की टक्कर थी
पिछले विधानसभा चुनाव में 30 सीटों पर कांटे की टक्कर देखने को मिली थी। इन सीटों पर तीन हजार से कम वोटों के अंतर से जीत-हार हुई थी। 10 सीटों पर एक हजार से भी कम वोटों का गैप था। 8 सीटों पर दो हजार से कम का और 12 सीटों पर तीन हजार से कम वोटों का अंतर था। 15 सीटों पर कांग्रेस, 14 पर भाजपा और 1 सीट पर बसपा जीती थी।
इनके अलावा एक सीट मालवा-निमाड़ में जोबट भी है। इस तरह कुल 71 सीटें ऐसी हैं, जहां त्रिकोणीय या चतुष्कोणीय मुकाबला है।
दिमनी : ठाकुर वोटरों के बंटवारे से मुकाबला रोचक
मुरैना जिले की इस सीट से दिग्गज भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मैदान में हैं। इस सीट पर ठाकुर मतदाताओं के बाद दूसरे नंबर पर ब्राह्मण वोटर हैं। बसपा ने अपने पूर्व विधायक एवं ब्राह्मण चेहरे बलवीर दंडौतिया को उतारा है। कांग्रेस ने मौजूदा विधायक रविंद्र सिंह तोमर को उतारा है। यहां त्रिकोणीय लड़ाई है। ठाकुर वोटरों के बंटवारे से बसपा के बलवीर ने मुकाबले को रोचक बना दिया है।
भिंड -तीन प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर
भिंड सीट पर भाजपा ने पटवारी कांड से विवादों में आए संजीव सिंह कुशवाह को टिकट नहीं दिया। वे पिछली बार बसपा से जीतने के बाद हाल ही में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा ने इस सीट पर सपा से आए नरेंद्र सिंह को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, कांग्रेस ने बीजेपी से आए राकेश सिंह को टिकट दिया है। टिकट नहीं मिलने पर संजीव फिर से बसपा से मैदान में हैं। इस सीट पर तीनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर है।
मुरैना -इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला
भाजपा ने यहां से सिंधिया समर्थक रघुराज सिंह कंसाना को टिकट दिया है। इससे नाराज होकर पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह, बेटे राकेश सिंह के साथ बसपा में शामिल हो गए। बसपा से राकेश सिंह अब मैदान में हैं। कांग्रेस ने दिनेश गुर्जर को टिकट दिया है। इस सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई है।
गोटेगांव -प्रजापति ने त्रिकोणीय की लड़ाई
नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव सीट पर दिलचस्प मुकाबला है। यहां कांग्रेस से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति मैदान में हैं। भाजपा ने महेंद्र नागेश को टिकट दिया है। कांग्रेस ने पहले यहां पूर्व विधायक शेखर चौधरी को प्रत्याशी बनाया था। टिकट बदले जाने के बाद शेखर बागी होकर निर्दलीय चुनाव में उतर चुके हैं। वे अब नागेश और प्रजापति की लड़ाई को त्रिकोणीय बना रहे हैं।
सुमावली -तीनों कैंडिडेट में कड़ी टक्कर
मुरैना की सुमावली सीट पर कांग्रेस ने पहले कुलदीप सिंह सिकरवार को प्रत्याशी बनाया था। बाद में कांग्रेस ने टिकट बदलते हुए अजब सिंह कुशवाह को चेहरा बना दिया। टिकट कटने से नाराज कुलदीप उसी शाम बसपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में आ डटे। भाजपा ने यहां से एंदल सिंह कंसाना को टिकट दिया है। इस सीट पर तीनों प्रत्याशियों में कड़ा मुकाबला है।
नागौद -ओबीसी फैक्टर कर रहा काम
टिकट नहीं मिलने पर आंसू बहाने वाले कांग्रेस के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह के वीडियो आप ने देखे होंगे। यादवेंद्र अब बसपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक नागेंद्र सिंह पर ही दांव लगाया है। कांग्रेस ने इस बार ओबीसी कार्ड खेलते हुए डॉ. रश्मि सिंह पटेल को टिकट दिया है। इस सीट पर सवर्ण बनाम ओबीसी फैक्टर काम कर रहा है।
सीधी -ब्राह्मण वोटों में बंटवारे का फायदा कांग्रेस को
चुनाव से पहले सीधी के जिस पेशाब कांड ने बीजेपी को बैकफुट पर धकेल दिया था, उसी सीट पर इस बार उसे बगावत झेलनी पड़ रही है। भाजपा ने इस सीट से सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारा है। इससे नाराज होकर विधायक केदारनाथ शुक्ला निर्दलीय मैदान में उतर गए हैं। कांग्रेस ने ज्ञान सिंह को प्रत्याशी बनाया है। ब्राह्मण वोटों में बंटवारे का फायदा उठाने की जुगत में कांग्रेस लगी है।
परसवाड़ा -कांग्रेस से मधु भगत मैदान में
बालाघाट की ये सीट पूर्व विधायक एवं सांसद रह चुके कंकर मुंजारे के चलते हॉट बनी हुई है। पिछली बार भी मुंजारे सपा के टिकट पर लड़ चुके हैं। तब वे दूसरे नंबर पर थे। इस बार वे गोंगपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में हैं। भाजपा ने मंत्री रामकिशोर कांवरे पर फिर भरोसा जताया है, जबकि कांग्रेस से मधु भगत मैदान में हैं।
निवास -गोंगपा ने त्रिकोणीय बनाया मुकाबला
भाजपा ने इस सीट पर केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को उतारा है। कांग्रेस ने अपने मौजूदा विधायक अशोक मर्सकोले को मंडला भेजकर यहां से चैन सिंह वरकड़े को उतारा है। इस सीट पर आदिवासियों में लोकप्रिय गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने देवेंद्र मरावी को टिकट दिया है। भाजपा-कांग्रेस की लड़ाई को गोंगपा के देवेंद्र ने त्रिकोणीय बना दिया है।
सिंगरौली -यहां आम आदमी पार्टी से टक्कर
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब के सीएम भगवंत सिंह मान का पूरा जोर इसी एक सीट पर है। यहां से पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष एवं सिंगरौली मेयर रानी अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया है। भाजपा से रामनिवास शाह तो कांग्रेस ने रेनु शाह को चेहरा बनाया है। यहां भी तीनों प्रत्याशियों में रोचक मुकाबला है।
बुरहानपुर -पूर्व सांसद के बेटे निर्दलीय मैदान में
भाजपा ने इस बार भी यहां से अर्चना चिटनिस को प्रत्याशी बनाया है। इससे नाराज हर्षवर्धन नंदकुमार सिंह चौहान ने बगावत कर दी और निर्दलीय मैदान में आ डटे हैं। कांग्रेस ने निर्दलीय प्रत्याशी ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा को उतारा है, जबकि मुस्लिम बाहुल्य इस सीट पर ओवैसी की पार्टी ने नफीस मंसा को टिकट दिया है। इस सीट पर चतुष्कोणीय मुकाबला है।