नई दिल्ली/लखनऊ। केंद्र की मोदी सरकार ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमीलेयर की सीमा को 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख करने की तैयारी में है। इसके अलावा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय इस बात पर भी विचार कर रही है कि सालाना इनकम में सैलरी और खेती से हुई कमाई को भी शामिल किया जाए या नहीं। इकनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि मंत्रालय की ओर से इस पर पुनर्विचार करने का आदेश दिया गया है। हम इस बारे में राय-मशविरा ले रहे हैं। फिलहाल सरकारी नौकरियों और उच्च शिक्षण संस्थानों में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी का आरक्षण है। फिलहाल इस आरक्षण के लिए 8 लाख तक की सालाना आय की सीमा तय की गई है। इससे अधिक सालाना कमाई वाले लोगों को आरक्षण नहीं मिलता है।
क्रीमीलेयर के तहत आय सीमा की हर तीन साल में समीक्षा की जाती है। आखिरी बार 2017 में इसकी समीक्षा की गई थी और इनकम लिमिट को 6 लाख से बढ़ाकर 8 लाख तक करने का फैसला लिया गया था। इससे पहले यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2013 में यह लिमिट 4.5 लाख रुपये ही थी, जिसे बढ़ाकर 6 लाख किया गया था। इसके बाद 2020 में ओबीसी की क्रीमी लेयर की लिमिट का फैसला होना था, जिसे लेकर मार्च 2019 में मंत्रालय की ओर से पूर्व सचिव बीपी शर्मा की अध्यक्षता में एक पैनल का गठन किया था। अब इस पर काम तेज हो गया है। यही नहीं इनकम लिमिट में खेती की कमाई और सैलरी को भी शामिल रखा जाए या नहीं, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
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चुनाव से ठीक पहले OBC क्रीमीलेयर की सीमा को 8 लाख से बढ़ाकर 12 लाख करने की तैयारी में केंद्र सरकार
- 12 Jan 2022