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इंदौर

चार युवा बने जैन संत, आचार्य जी से  दीक्षा लेकर साधु जीवन मे प्रवेश

  • 19 Feb 2024

इंदौर। शहर में बिराजमान श्वेताम्बर जैनाचार्य श्री विजयराज जी महाराज द्वारा चार युवाओं युवाओं मुमुक्षु  सुश्री दीपासना जी चौपड़ा, मुमुक्षु श्री अक्षय जी सहलोत, मुमुक्षु श्री सूरज जी काँकरिया, मुमुक्षु  श्री मोहित जी सखलेचा को जैन दीक्षा प्रदान करके अपने अपने शिष्य मंडल में दीक्षित किया। आज बास्केटबॉल काम्प्लेक्स में सादगीपूर्ण समारोह में हजारों समाजजनों की उपस्थिति में आचार्य जी द्वारा चारों युवाओं को जैन साधुत्व का चोला प्रदान किया गया।  परंपरा अनुसार आचार्य जी द्वारा नवदीक्षित संतों का नामकरण किया गया ।
आज दीक्षा लेने वाले युवाओं के नामकरण-आज दीक्षा लेने वाले सूरज जी      अब सन्त  सूर्यप्रभ जी महाराज   के नाम से    , अक्षय जी     संत अक्षयप्रभ जी महाराज के नाम से जाने जाएंगे , मोहित जी    -   संत मोहजीतप्रभ जी महाराज तथा बहिन दीपासना जी -  साध्वी दीपप्रभा श्री जी के नाम से जाने जायगे। अब ये चारों युवा जैन साधुत्व के साथ संत जीवन यापन करके आत्मकल्याण और धर्म जागरण पथ पर आगे बढ़ेंगे।
दीक्षा समारोह बास्केटबॉल कॉम्प्लेक्स में आयोजित धर्मसभा में  सभी दीक्षा लेने वाले युवा केश लोचन एवं साधु वस्त्र धारण करके अपने आचार्य श्री विजयराज जी , उपाध्याय श्री जितेश मुनि जी महाराज के समक्ष शिष्य रूप में पहुंचे।  उसके बाद प्रभु महावीर द्वारा बतलाई गई शास्त्रीय परंपरा अनुसार गुरु द्वारा जैन दीक्षा प्रदान की गई।  
शांतक्रान्ति जैन संघ के मीडिया प्रभारी प्रकल्प जैन ने बताया कि पांच दिवसीय दीक्षा महोत्सव के माध्यम से श्रद्धालुओं द्वारा संत जीवन मे प्रवेश करने जा रहे चारों दीक्षार्थियों का सम्मान एवं आभार व्यक्त करते हुए उन्हें शुभकामनाएं दी गई। धर्मसभा में राजनांदगांव, छत्तीसगढ़ से आये युवा मंथन छाजेड़ द्वारा जैन दीक्षा लेकर आचार्यजी के सानिध्य में मुनि बनने का संकल्प प्रस्तुत किया,जिसकी उनके परिवार द्वारा अनुमति प्रदान की गई। शीघ्र ही श्री मंथन छाजेड़ भी दीक्षा लेकर जैन मुनि बनेंगे। धर्मसभा का संचालन श्री बादल चोरडिया ने किया।
वन्दनीय विरक्ति दीक्षा समिति के संयोजक संजीव लोढ़ा  ने बताया कि दीक्षा लेने के बाद जैन साधु जीवन मे भौतिक सुविधाओं को त्याग कर तप साधना से मोक्ष मार्ग की ओर अग्रसर होने का लक्ष्य रखते हैं। इसी क्रम में संघ की परंपरा अनुसार साधु दीक्षा के पश्चात फोटो , वीडियो आदि नहीं लिए जाते। अत: दीक्षार्थियों के सभी फोटो  दीक्षा पूर्व के ही हैं।