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गुना

चबूतरे पर लगी चौपाल, 23 लाख में सरपंच पद नीलाम

  • 15 Jun 2022

गुना।  जिले की बमोरी जनपद की लालोनी पंचायत में गोवर्धन मंदिर के निर्माण के लिए सरपंच पद 23 लाख रुपये में नीलाम हो गया। गांव में लगी पंचायत में बुजुर्ग महिलाओं से लेकर ग्रामीणों ने भाग लिया। इस दौरान दो उम्मीदवार मंदिर निर्माण को लेकर सरपंच पद की नीलामी के लिए बोली लगाने लगाने लगे, लेकिन बोली 22 लाख रुपये पर आकर रुक गई। तभी दूसरी उम्मीदवार कांतिबाई मीना और उनके परिजनों ने 23 लाख रुपये की बोली लगा दी। गांव के लोगों ने सरपंच पद देने की सहमति दे दी। इस ग्राम पंचायत में महिला सरपंच से लेकर 13 पंच पद पर निर्विरोध महिलाएं चुनी गई हैं। इधर, उक्त मामले को लेकर कलेक्टर फ्रेंक नोबल ए. से बात की, तो उन्होंने मामला संज्ञान में न आने की बात कही। नवदुनिया की टीम जब मंगलवार की दोपहर 2.32 बजे लालोनी पंचायत में पहुंची, तो गांव के एक चबूतरे पर बैठकर शंकरलाल मीना और वि_ल मीना सहित अन्य ग्रामीण निर्विरोध सरपंच चुने जाने को लेकर चर्चाएं कर रहे थे। वहीं कुछ दूरी पर दूसरी गली में भी महिलाएं गांव में चार बीघा जमीन पर बनने वाले भव्य मंदिर की चर्चा करती दिखाई दीं। शंकरलाल मीना का कहना था कि गांव का विकास होगा, तो भव्य मंदिर का निर्माण होने से पंचायत का भी नाम होगा। हालांकि, इस दौरान सरपंच कांतिबाई मीना के घर पर बच्चे खेल रहे थे, ग्रामीणों का कहना था कि सरपंच का पूरा परिवार बमोरी में किसी कार्य को लेकर गया हुआ है।
पूर्व सरपंच बोले- सरपंच पद की बोली मंदिर के लिए लगाई
लालोनी पंचायत के पूर्व सरपंच हरगोविंद मीना ने बताया कि गांव के सभी ग्रामीण एक जगह एकत्रित हुए। यहां भागीरथ मीना और गोविंद मीना ने मंदिर के निर्माण को लेकर बोली लगानी शुरू की। इस दौरान उनके परिजन भी उपस्थित थे। भागीरथ मीना ने 22 लाख रुपये की बोली लगाने के बाद बंद कर दी, तो गोविंद ने 23 लाख रुपये की बोली लगा दी। गांव में चुनाव से पहले लगी इस पंचायत में 23 लाख रुपये मंदिर निर्माण के लिए रख लिए। उसके बाद सबने फार्म वापस ले लिए। सरपंच निर्विरोध चुन लिया गया।
ओबीसी पंचायत निर्विरोध, सरपंच से लेकर सभी महिला पंच बनीं
गुना शहर से करीब 45 किमी दूर बमोरी क्षेत्र की लालोनी ग्राम पंचायत में सरपंच पद पर कांतिबाई मीना (69) चुनी गई हैं। यह पंचायत सरपंच पद के लिए ओबीसी महिला के लिए आरक्षित हुई थी। वहीं 13 पंच पदों में से तीन आदिवासी और 10 वार्ड ओबीसी के लिए आरक्षित थे, जहां पर सभी पंच महिलाओं को चुना गया है। अब इस पंचायत में महिलाएं विकास कार्य को लेकर निर्णय लेंगी।