दो साल बाद मिल सकता है देखने का मौका, अभी प्रशासन की तरफ से सहमति नहीं
इंदौर। आजादी के समय से शहर में रंगपंचमी पर निकलने वाली पारंपरिक गेर का सिलसिला इस बार फिर शुरू हो सकता है। कोरोना महामारी के कारण पिछले तीन सालों से शहर में गेर नहीं निकल रही है। हालांकि अभी तक प्रशासन ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं की है। उधर आयोजक भी गेर निकालने की तैयारी में है, लेकिन गेर रुट का बड़ा हिस्सा खोदाई से प्रभावित हो चुका है। ऐसे में यदि यात्रा निकलती है तो रुट बदलना होगा।
कोरोना महामारी के चलते दो साल पहले तत्कालीन कलेक्टर लोकेश जाटव ने गेर नहीं निकालने का आग्रह किया था। तब गेर तो नहीं निकली, लेकिन राजवाड़ा पर लोग जमा हुए थे। कोरोना की दूसरी लहर में भी शहर में गेर नहीं निकली, लेकिन इस बार कई आयोजन शहर में हो रहे है और प्रशासन ने प्रतिबंधों में भी शिथिलता की है। गेर को लेकर कलेक्टर मनीष सिंह का कहना है कि इस मामले में फैसला शासन को लेना है।
गेर मार्ग पर निर्माण को लेकर चिंता
उधर 75 साल से टोरी कार्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति द्वारा गेर निकाली जा रही है। समिति के समन्वयक शेखर गिरी का कहना है कि कोरोना से राहत मिलने के बाद प्रशासन का सहयोग व अनुमति मिलने की उम्मीद है लेकिन अब चिंता गेर मार्ग की है। गेर मार्ग से अतिक्रमण हटाने के साथ नवीन मार्ग निर्माण हो रहा है।मार्ग कार्य पूरा हो जाता है दो साल बाद एक बार फिर दोगुने उत्साह के साथ हम गेर निकालने की तैयारी कर रहे है। संगम कार्नर रंग पंचमी महोत्सव समिति ने 68 साल पहले गेर निकालने की शुरूआत की थी। समिति के अध्यक्ष कमलेश खंडेलवाल का कहना है कि गेर को जिला प्रशासन द्वारा 2020 में गेर को यूनिस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल करने का प्रयास किया था। इस बार इस प्रयास में क्षत-विक्षत गेर मार्ग एक बड़ी समस्या बन सकता है। गेर में अभी सवा महीने का समय है। मार्ग का काम पूरा हो जाए तो बेहतर होगा। हमारी गेर निकालने की पूरी तैयारी है।
इंदौर
छूट मिलते ही गेर की तैयारियों में आयोजक
- 18 Feb 2022