इंदौर। इंदौर नगर निगम द्वारा कराए गए जीआईएस के सर्वे में चौकाने वाली बात सामने आई है। जिसमें निगम की सीमा में आने वाले 16 हजार से ज्यादा घर ऐसे हैं, जिनमें पिछले कई सालों से टैक्स चोरी की जा रही है। इस मामले में निगम जोन स्तर पर सूची तैयार कर वसूली करने की तैयारी कर रहा है। निगम द्वारा पूर्व के कामों के ही 450 करोड़ से अधिक की राशि ठेकेदारों को भुगतान की जाना है। हजारों घरों की बकाया टैक्स चोरी में निगम के जोन के अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध मिली है।
नगर निगम की संपत्ति कर, जलकर, व्यापक स्वच्छता कर से प्रतिवर्ष की आय लगभग 400 करोड़ रुपए है। निगम द्वारा व्यवस्थित तरह से राशि वसूली जाए तो यह 700 करोड़ रुपए तक जा सकती है। इस मामले में निगम हमेशा फेल रहा है। कुछ समय पहले नगर निगम के द्वारा निजी फर्म को ठेका देकर शहर की संपत्ति का ज्योग्राफिकल इन्फॉर्मेशन सर्वे (जीआईएस) कराने का फैसला लिया गया था। जिसमें हजारो घरों द्वारा टैक्स में चोरी की बात सामने आ रही है।
सहायक राजस्व अफसरों से कहा-वसूली करें
आयुक्त प्रतिभा पाल द्वारा जीआईएस सर्वे कार्य की समीक्षा बैठक में प्राप्त डेटा अनुसार 16547 सम्पतियों में उपयोग का अंतर पाया गया है, जिस पर संबंधित जोन के सहायक राजस्व अधिकारियों को वसूली करने की बात कही है। इसी के साथ 5000 वर्ग फीट से ज्यादा अंतर वाली 3516 सम्पतियों की जांच एवं उन पर जुमार्ना लगाने की कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए। इस सर्वे में प्राप्त 8235 अपंजीकृत सम्पतियों के नवीन खाते खोलने संबंधी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए है। प्रतिभा पाल ने सभी 19 जोन पर अपनी एक चेंकिग टीम भी बिठाई है। जिसमें यहां के प्रभारियों द्वारा की जा रही अनियमितयता की जानकारी उन तक सीधे पहुंच रही है।
इंदौर
जीआईएस के सर्वे में 16 हजार घर नहीं कर रहे भुगतान, सालाना 700 करोड़ तक हो सकती है वसूली
- 28 Aug 2021