जबलपुर। जबलपुर विक्टोरिया जिला अस्पताल में एक्सरे फिल्म की बजाए मरीजों से मोबाइल मांगा जाता है। टच स्क्रीन वाला मोबाइल नहीं है, तो एक्सरे रिपोर्ट नहीं मिल पाएगी। सात महीने से ये समस्या बनी हुई है। कोविड की तीसरी लहर के बाद भी एक्सरे फिल्म का इंतजाम नहीं कराया गया। सिविल सर्जन का दावा है कि सात महीने से वह शासन स्तर पर पत्र लिख रहे हैं, पर वहां से अभी ठेका ही नहीं तय हो पाया।
सरकारी कुआं निवासी सुनील गुप्ता ने बताया कि वह इलाज के लिए अस्पताल आए थे। डॉक्टर ने एक्सरे कराने के लिए कहा। वह एक्सरे कराने पहुंचे तो वहां एक्सरे फिल्म की बजाए मोबाइल मांगा गया। मोबाइल नहीं होने पर परिजन को लेकर आए। इसके बाद मोबाइल पर ही उन्हें एक्सरे की फोटो खींच कर दी गई। बोला गया कि डॉक्टर को यहीं दिखा देना।
मढ़ई निवासी फूला बाई ने बताया कि उन्हें महंगा (टच स्क्रीन) वाला मोबाइल चलाने नहीं आता। एक्सरे के लिए मुझसे मोबाइल मांगा गया। इसके बाद वह नाती को लेकर आई। उसके मोबाइल पर एक्सरे की फोटो खींच कर दी गई।
बिना एंड्रॉइड मोबाइल नहीं मिलेगा एक्सरे
जिला अस्पताल विक्टोरिया में बिना मोबाइल एक्सरे नहीं मिल पाएगा। टच स्क्रीन मोबाइल नहीं है, तो आपको एक्सरे की रिपोर्ट नहीं मिल पाएगी। जिला अस्पताल में हड्डी विशेषज्ञ मोबाइल से ही फिलहाल एक्सरे देख कर इलाज कर रहे हैं।
रोज 200 से अधिक होते है एक्सरे
जिला अस्पताल विक्टोरिया में रोज 200 के लगभग एक्सरे किया जाता हैं। बावजूद मरीजों को एक्सरे फिल्म नहीं दी जा रही है। एक्सरे कराने के बाद मोबाइल पर फोटो खींच कर दे दी जाती है। मुश्किल ये है कि इस एक्सरे को आप बाहर नहीं दिखा सकते हैं।
सात महीने से लटका है मामला
सिविल सर्जन डॉ राजकुमार चौधरी के मुताबिक सात महीने से एक्सरे फिल्म की समस्या बनी हुई है। अब तक 3 से 4 बार शासन स्तर पर पत्र और रिमाइंडर भेज चुके हैं। हेल्थ मिनिस्टर को भी बता चुके हैं। पर एक्सरे फिल्म का ठेका न होने से भोपाल स्तर से ही एक्सरे फिल्म नहीं उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में मोबाइल से फोटो खींच कर किसी तरह मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
कोविड मरीजों का भी होता है एक्सरे
कई बार कोविड मरीजों की भी एक्सरे मांगी जाती है। खासकर छाती में संक्रमण देखने के लिए एक्सरे की सलाह दी जाती है। एक्सरे फिल्म में देखकर साफ पता चल जाता है कि संक्रमण ने छाती को किसना नुकसान पहुंचाया है। पर एक्सरे फिल्म न होने से ऐसे मरीजों के लिए भी खतरा है।
जबलपुर
जुगाड़ से हो रहा इलाज, सरकारी अस्पताल में 7 महीने से एक्सरे फिल्म नहीं, मोबाइल में फोटो क्लिक कर दी जा रही रिपोर्ट
- 22 Jan 2022