Highlights

इंदौर

जूनी इंदौर क्षेत्र में रात के समय अधिकांश स्ट्रीट लाईट बंद

  • 10 Aug 2021

ना निगम का ध्यान ना ही स्थानीय जनप्रनिधी ले रहे सूध
इंदौर। विकास कार्य कराने के बूते शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे दिनोदिन खोखले होते जा रहे हैं। एक तरफ निगम शहर की सड़कों पर सेंट्रल लाइटिंग लगाकर दूधिया रोशनी फैलाने के दावे कर रहा है वहीं जिन इलाकों में स्ट्रीट लाईटें बरसों से लगी है उनकी स्थिति पर किसी भी जिम्मेदार का ध्यान नहीं है। तीन नंबर विधानसभा के अंतर्गत आने वाले जूनी इंदौर क्षेत्र में इन दिनों रात के समय अंधेरे का साम्राज्य स्थापित हो रहा है जिसका फायदा अपराधी वारदातों को अंजाम देने में उठाते हैं। शहर के रावजी बाजार क्षेत्र में कई स्थान हैं जहां पर स्ट्रीट लाइट लगातार बंद होने से लूट जैसी छोटी-छोटी घटनाएं हो चुकी है लेकिन अब तक इन पर किसी का ध्यान नहीं है।
सरवटे बस स्टेण्ड से लेकर रावजी बाजार थाना और जबरन कॉलोनी तक के इलाके में  स्ट्रीट लाइटें अधिकांश जगहों पर बंद पड़ी है। कुछ तो समय पर चालू हो जाती है लेकिन ना जाने कौन सा रोग उन पर लग जाता है जो किसी भी वक्त बंद हो जाती है। रहवासियों के द्वारा कई बार अधिकारियों को शिकायतें की जाती है लेकिन कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहा है यहां तक कि क्षेत्र की समस्याओं पर साथ देने के नाम पर वोट मांगने वाले स्थानीय जनप्रतिनिधि भी चुप बैठे हैं। प्रशासन के हाथों निगम की कमान जाने के बाद पार्षदगण भी अपने आपको असहाय बताते हैं क्योंकि उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है। रविवार को भी रात के समय मुक्तिधाम पुलिया के पास से लेकर चंद्रभागा तक की सड़क पर अंधेरा देखने को मिला। समाचार पत्रों में कई बार लापरवाही खबरें प्रकाशित की गई लेकिन कोई भी इस समस्या का स्थाइ हल नहीं कर पा रहा है।
आवारा श्वान बनाते है निशाना
रात के समय स्ट्रीट लाइटें बंद होने के कारण वहां बैठे आवारा श्वान वाहन चालकों को अपना शिकार बना लेते हैं। वाहन चालकों का कहना है कि अंधेरे वाली जगहों पर या तो श्वान या फिर नशेड़ी लोग लूट के इराते से बैठते हैं जिसके चलते अनजाने में लूट के शिकार भी हो जाते हैं। हालाकि बार-बार थानों के चक्कर लगाने के डर से कई बार शिकायतें थानों तक नहीं जाती है। रहवासियों का कहना है कि नई तो दूर की बात कम से कम पुरानी लाइटें चालू रहे तो दुर्घटना या  अनहोनी का डर ना रहे।
गलियों के भी यही हाल
हालाकि क्षेत्र की गलियों में कई जगहें ऐसी है जहां पर दिन के समय भी स्ट्रीट लाईट चालू रहती है जबकि इनका दिन में कोई औचित्य नहीं है। वहीं रात के समय कई सुनसान जगहों पर लगी लाइटें बंद होने से दिक्कतें आती है। निगम के अधिकारी इलाकों में सिर्फ स्वच्छता के नाम पर जागरुकता फैलाने के दौरे करते हैं लेकिन जब किसी के सामने स्ट्रीट लाईट की समस्या बताओ तो सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं।