मोरबी। प्रशासन ने अदालत से कहा है कि मोरबी सस्पेंशन ब्रिज की मरम्मत करने वाले ठेकेदार ऐसे काम करने के योग्य नहीं थे। अभियोजन पक्ष ने फोरेंसिक रिपोर्ट का हवाला देते हुए मंगलवार को मजिस्ट्रेट की अदालत को बताया कि पुल के फर्श को बदल दिया गया था, लेकिन इसकी केबल को नहीं बदला गया था। इससे पुराना केबल बदले गए फर्श का भार वहन करने में सक्षम नहीं था। इसके साथ ही स्थानीय मजिस्ट्रेट अदालत ने पुल हादसे के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए नौ लोगों में से चार को पुलिस हिरासत में जबकि अन्य को न्यायिक हिरासत के तहत जेल भेज दिया।
अभियोजक एचएस पांचाल ने फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएफ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए अदालत को बताया कि फॉरेंसिक विशेषज्ञों का मानना है कि नई फ्लोरिंग के वजन के कारण पुल का मुख्य तार टूट गया। मरम्मत के दौरान पुल के तार नहीं बदले गए थे। पुल की मरम्मत करने वालों ने केवल फ्लोरिंग बदली थी। फ्लोरिंग में चार परत एल्यूमिनियम की चादर लगाई गई थी जिसके कारण पुल का वजन बढ़ गया। वजन बढ़ने के कारण तार टूट गया जिससे यह हादसा हुआ।
हालांकि फॉरेंसिक रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी गई लेकिन पांचाल ने संवाददाताओं को बताया कि रिमांड अर्जी पर सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को यह भी बताया गया कि मरम्मत का काम कर रहे दोनों ठेकेदार इस काम को करने की योग्यता नहीं रखते थे। इसके बावजूद, ठेकेदारों को 2007 में और फिर 2022 में पुल की मरम्मत का काम सौंप दिया गया। इसलिए आरोपियों की हिरासत जरूरी है क्योंकि यह पता लगाने की दरकार है कि उन्हें क्यों चुना गया और किसके कहने पर उन्हें चुना गया।
साभार लाइव हिन्दुस्तान
गुजरात
जिन ठेकेदारों ने की मरम्मत उनके पास नहीं थी इसकी योग्यता
- 02 Nov 2022