दमोह । जैन समाज के एक मुनि की साधना 25 साल बाद टूट गई है। अब ये साधु-संत वाला जीवन छोड़कर अपनी गृहस्थी बसाएंगे। इसके लिए लड़की भी चुन ली गई है। दुल्हन एक साध्वी बनेगी। ये भी अपना आश्रम छोड़कर जैन मुनि के साथ जिंदगी की नई शुरुआत करेंगी। दोनों का पूरा मामला पुलिस थाना पहुंचने के बाद उजागर हुआ है।
मंगलवार रात को दमोह जिले के हिंडोरिया पुलिस थाने पहुंचे जैन मुनि सुद्धांत सागर व साध्वी प्रज्ञा ने आश्रम के लोगों पर मारपीट समेत कई आरोप लगाए हैं। हालांकि आश्रम के लोगों ने मारपीट से इनकार किया है। सुद्धांत सागर के आरोप हैं कि 'बेलाग्राम आश्रम में प्रज्ञा दीदी नाम की महिला एक सप्ताह पहले रहने आई थी। हम दोनों के बीच बातचीत होने लगी थी।
मंगलवार देर शाम प्रज्ञा बड़े मंदिर में बैठकर फोन पर किसी से बात कर रही थीं। आश्रम के प्रमुख सिद्धांत सागर को शक हुआ तो उन्होंने प्रज्ञा को आश्रम छोड़कर जाने के लिए कहा। प्रज्ञा के साथ मारपीट की गई। जब मैंने मारपीट से आचार्य को रोकने की कोशिश की तो उन पर भी हाथ उठायाा गया।
फिर पुलिस थाने में सुद्धांत सागर ने कपड़े पहनकर फिर से गृहस्थ जीवन ग्रहण कर लिया।
सुद्धांत सागर कहते हैं कि बेवजह उनकी काफी बदनामी की गई है। इसलिए अब तो वे गृहस्थ जीवन स्वीकार कर प्रज्ञा से शादी करके आगे का जीवन उसी के साथ बिताएंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पूरे मामले में आश्रम की ओर से सिद्धांत सागर की बहन का बयान सामने आया है। उन्होंने सुद्धांत सागर के साथ मारपीट की घटना से इनकार किया है। साथ ही आरोप लगाया है कि सुद्धांत सागर व प्रज्ञा के बीच तीन साल से संदिग्ध गतिविधियां चल रही थीं। प्रज्ञा मूलरूप से आगरा यूपी की रहने वाली है।