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भोपाल

जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर

  • 05 Aug 2023

भोपाल में डॉ. बाला सरस्वती के पेरेंट्स भी स्ट्राइक में शामिल
भोपाल। प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर शनिवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। वे डॉ. बाला सरस्वती सुसाइड केस में कार्रवाई नहीं होने से नाराज हैं। जूडा की इस हड़ताल को करीब सात स्टेट के जूनियर डॉक्टर भी सपोर्ट कर रहे हैं।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन भोपाल के अध्यक्ष डॉ. संकेत सीते ने बताया कि भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और सागर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों की प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के प्रवक्ता डॉ. कुलदीप गुप्ता ने बताया कि हमें तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और बिहार से भी जूनियर डॉक्टर्स सपोर्ट कर रहे हैं। अमृतसर मेडिकल कॉलेज में कैंडल मार्च निकाला गया है।
रविवार को गांधी मेडिकल कॉलेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की जूनियर डॉक्टर डॉ. बाला सरस्वती ने सुसाइड कर लिया था। 5 दिन से में साथी जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस हड़ताल को प्रदेशव्यापी सपोर्ट मिल गया है। सभी डॉ. अरुणा कुमार के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अरुणा कुमार को ॥ह्रष्ठ के पद से हटाया जा चुका है।
भोपाल के बाद प्रदेश के अन्य जिलों में भी ने शुरू की हड़ताल
गांधी मेडिकल कालेज (जीएमसी) में पीजी की छात्रा बाला सरस्वती सुसाइड मामले को लेकर हड़ताल कर रहे जूनियर डाक्टरों के समर्थन प्रदेश के अन्य शासकीय कालेजों के जूनियर डाक्टर भी आ गए हैं। शनिवार को प्रदेशभर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालयों के जूनियर डाक्टरों ने काम बंद कर दिया। इससे स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पडऩा तय है।  उधर राजधानी के हमीदिया अस्पताल में जूडा की हड़ताल के चलते शुक्रवार को स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ठप रहीं। एक ओर जहां डाक्टरों ने नए मरीजों को उपचार नहीं किया, वहीं पहले से भर्ती कुछ पुराने मरीजों की भी छुट्टी कर दी। जूनियर डाक्टर बाला सरस्वती की आत्महत्या के बाद से हमीदिया के चिकित्सक अस्पताल प्रबंधन से नाराज हैं। इसको लेकर जूडा पहले से ही हड़ताल कर रहा है, अब इनके समर्थन में सीनियर डाक्टर भी उतर गए हैं। शुक्रवार को पूरे दिन इन्होंने भी जूडा की तरह मरीजों का उपचार नहीं किया। इससे यहां आने वाले मरीजों को बिना उपचार वापस लौटना पड़ा।
350 से अधिक डाक्टरों ने नहीं किया उपचार
हमीदिया में जूनियर डाक्टर की संख्या 250 से अधिक है। जबकि सीनियर रेसीडेंट की संख्या 130 के करीब है। जूडा पहले से हड़ताल पर थे। शुक्रवार को उनके समर्थन में 100 से अधिक सीनियर रेसीडेंट भी उतर आए। ऐसे में करीब 350 से अधिक डाक्टरों ने मरीजों का उपचार नहीं किया। जिसकी वजह से परेशानी बढ़ गई।
समय पर नहीं मिला उपचार, गर्भवती की मौत
हमीदिया अस्पताल परिसर में शिफ्ट हुए सुल्तानिया में भी मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यहां गुरुवार रात साढ़े आठ बजे समय पर उपचार नहीं मिलने की वजह से एक गर्भवती महिला की मौत हो गई। हालांकि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि गर्भवती महिला को दूसरे अस्पताल से रेफर किया गया था। जब यह हमारे पास आई तो उसकी मौत हो चुकी थी।
जीएमसी पहुंचे कलेक्टर, जूडा से की चर्चा
इधर जूड़ा की हड़ताल से हमीदिया अस्पताल स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होने पर शुक्रवार शाम को कलेक्टर आशीष सिंह गांधी मेडिकल कालेज पहुंचे और हड़ताल कर रहे जूडा के पदाधिकारियों से चर्चा की। उन्होंने जूडा से कहा कि उनकी प्राथमिक मांग पर गायनिक डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष डा. अरुणा कुमार को हटा दिया गया है।