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इंदौर

जो नशा छोड़ना चाहते हैं उनके दोस्त बनकर मदद करें

  • 20 Jul 2023

इंदौर। समाज में बढ़ रही नशे की बीमारी को कम करना या खत्म करने का रास्ता बहुत कठिन है। समाज के सभी वर्ग मिलकर कोशिश करें और इस समस्या से बाहर निकलने का सरल रास्ता खोजें। स्कूल-कॉलेजों में जागरूकता के प्रयासों के साथ, नशा पीड़ितों का उपचार कर उन्हें समाज की मुख्यधारा में जोड़ने एवं उन्हें रोजगार से लगाने के लिए सामूहिक प्रयास करना होंगे। ये बात बुधवार को विभिन्न वक्ताओं ने यूनिवर्सल पीस एंड सोशल डेवलपमेंट सोसाइटी द्वारा चलाए जा रहे ह्लनशा मुक्ति अभियानह्व के तहत समाज कार्य महाविद्यालय में आयोजित मीटिंग में कहीं।
शहर के वरिष्ठ मनोचिकित्सक एवं मालवांचल विश्वविद्यालय के डॉ.रामगुलाम राजदान ने कहा कि नशा मुक्त समाज की कल्पना करने का रास्ता बहुत कठिन है, मगर हम सभी मिलकर आसान रास्ता निकालेंगे एवं इस कठिन कार्य को सरल बनाने का प्रयास करेंगे।
 उन्होंने कहा कि स्कूल- कॉलेजों में जाकर विद्यार्थियों एवं युवाओं को नशे की बुराइयों से अवगत करा कर इससे बचाने के प्रयास करेंगे। जागरूकता अभियान चलाएंगे तथा जो नशे से पीड़ित हो चुके हैं उनका उपचार कर, उन्हें रोजगार से लगाकर समाज की मुख्यधारा में लाने की कोशिश भी करेंगे। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ एवं पीसी सेठी अस्पताल के प्रभारी डॉ निखिल ओझा ने कहा कि नशा पीड़ित व्यक्ति के परिवार वाले शुरूआत में ध्यान नहीं देते हैं तथा जब गंभीर रूप से पीड़ित हो जाता है तब परिस्थितियां हाथों से निकल चुकी होती है। उन्होंने कहा कि कम उम्र के बच्चे गूगल, इंटरनेट तथा फेसबुक के कुप्रभाव से नशे की लत में पड़ रहे है। अत: सभी क्षेत्रों में जागरूकता लाने के लिए प्रयासों की जरूरत है। नशा पीड़ित होने के बाद इसके इलाज का खर्च घरवाले उठा नहीं पाते है। अत: कार्यकतार्ओं को वैज्ञानिक तरीकों से प्रशिक्षण देने के उपरांत, सर्वोच्च प्राथमिकता से जागरूकता हेतु बस्ती-बस्ती में शिविर आयोजित करने की जरूरत है। बैठक में वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मुकुंद कुलकर्णी, डॉ.अनिल भंडारी, डॉ.राहुल माथुर, डॉ.आनंद गौड़, परवेज खान आदि ने भी संबोधित किया।