उज्जैन। परंपरा के अनुसार ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में दो नवंबर को धनतेरस से दीप पर्व की शुरुआत होगी और तीन नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन तड़के चार बजे भस्मारती में पुजारी परिवार की महिलाएं महाकाल को केसर, चंदन का उबटन लगाएंगी। इसके बाद भगवान को गर्म जल से स्नान कराया जाएगा। श्रंगार के पश्चात अन्नकूट लगाकर फुलझड़ी से आरती होगी।
धनतेरस -पुरोहित समिति की ओर से होगी विशेष पूजा
धनतेरस पर मंगलवार को पुरोहित समिति द्वारा देश में सुख-समृद्धि व आरोग्यता की कामना से भगवान महाकाल का अभिषेक-पूजन किया जाएगा। पुरोहित समिति के अध्यक्ष पं. अशोक शर्मा ने बताया कि भगवान को सुख-समृद्धि के लिए चांदी का सिक्का अर्पित कर पूजा-अर्चना की जाएगी। कोरोना काल के चलते समिति सदस्यों को सिक्के बांटने की परंपरा रद की गई है।
रूप चतुर्दशी -भस्मारती में मनेगी दीपावली
तीन नवंबर को रूप चतुर्दशी पर महाकाल के आंगन में दीपावली मनेगी। साल में एक दिन रूप चतुर्दशी पर पुजारी परिवार की महिलाएं भगवान का रूप निखारने के लिए उबटन लगाकर कर्पूर आरती करती हैं। इसके बाद अन्नकूट (छप्पन पकवानों का भोग) लगाकर फुलझड़ी से आरती की जाएगी। इस दिन से भगवान को गर्म जल से स्नान कराने की शुरुआत भी होगी, जो फाल्गुन पूर्णिमा तक जारी रहेगी।
दीपावली -फुलझड़ी से आरती होगी
चार नवंबर को दीपावली पर तड़के चार बजे भस्मारती से रात 10.30 बजे शयन आरती तक नियमित पांच आरतियों में फुलझड़ी चलाई जाएगी। भगवान का विशेष श्रंगार किया जाएगा।
गोवर्धन पूजा -गोवर्धन व गोवंश का पूजन होगा
पांच नंवबर कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर मंदिर के मुख्य द्वार पर पुजारी परिवार की महिलाएं गोबर से गोवर्धन बनाकर पूजा-अर्चना करेंगी। इसके बाद चिंतामन स्थित मंदिर की गोशाला में गोवंश की पूजा-अर्चना की जाएगी।
उज्जैन
ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कल से दीप पर्व की शुरूआत
- 01 Nov 2021