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इंदौर

जेल में बहनों ने भाइयों को बांधा रक्षासूत्र,    जेल प्रबंधन ने की थी विशेष व्यवस्था

  • 20 Aug 2024

इंदौर। रक्षाबंधन का पर्व जेल के अंदर भी हर्षउल्लास के साथ मनाया गया। इस मौके पर जेल के अंदर बंद कैदियों को उनकी बहनें रक्षासूत्र बांधने पहुंची। जब भाई बहन का मिलाप हुआ तो दोनों की आंखों से आंसू छलक उठे। यह देख वहां मौजूद जेल अफसरों की आंखे भी भर आई।
  रक्षाबंधन पर जेल प्रशासन  ने जेल में बंद अपने भाईयों को राखी बांधने आने वाली बहनों के लिए खाश इंतजाम किए थे। इसके लिए जंहा सुरक्षा के पु ता इंतजाम थे तो वहीं अंदर हाल में विशेष व्यवस्था की गई थी। सेंट्रल जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि रक्षाबंधन पर्व पर जेल में बंद कैदियों की कलाई सुनी ना रहें इसके लिए जेल प्रबंधन द्वारा शासकीय अवकाश होने के बाद भी जेलों में बहनों की विशेष मुलाकात का प्रबंध किया जाता है और इस मौके पर केवल बहनों को ही जेल के अंदर प्रवेश दिया जाता है ताकि वह अपने भाईयों को राखी बांध सकें। श्रीमती सोनकर ने बताया कि सेंट्रल जेल मे ंदो हजार से अधिक कैदी विभिन्न मामलों में बंद हैं। रक्षाबंधन पर हिंदू-मुस्लिम सभी बंदियों की बहनें उन्हें राखी बांधने पहुंची थी। इस दौरान विशेष व्यवस्थाएं की गई थी। ताकि बहनें भाई से आसानी से मिलकर उन्हें रक्षासूत्र बांध सकें। डेढ हजार से अधिक बहनें अपने भाईयों को जेल की चाहरदिवारी के अंदर रक्षा सूत्र बांधने पहुंची थी। इस दौरान मिठाई की व्यवस्था कैंटीन के माध्यम से की गई थी वहीं थाली और कुंककू जेल प्रशासन द्वारा उपल्बध कराया गया था। वैसे आम दिनों में जाली से ही बंदी फोन के माध्यम से  अपने परिजनों से बातचीत करते हैं। रक्षाबंधन पर ही केवल ऐसा होता है जब कैदियों की  बहनों को जेल के अंदर प्रवेश दिया जाता है। इसलिए इस दिन का जंहा कैदियों को इतंजार तो रहता है वहीं भाई से मिलने को लेकर बहनें ’यादा लालायित रहती हैं। जेल अधीक्षक अलका सोनकर का कहना है कि यह आयोजन हर किसी को भवुक कर देता है। बहन भाई मिलते हैं तो आंसू टपक जाते हैं। वहीं हम भी इंसान हैं,ऐसे में हमारी गला भी ये दृश्य देखकर भर जाता है। उन्होंने कहा कि पूरा आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से हुआ। इस दौरान कैदियों के परिजनों ने भी व्यवस्थाओं में सहयोग दिया। वहीं पुलिस का भी सहयोग हमें मिला। इसी तरह जिला जेल में भी रक्षाबंधन का पर्व मनाया गया।