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इंदौर

जीवन पर्यंत वैज्ञानिक सोच का उपयोग करें छात्र

  • 01 Nov 2021

एमजीएम मेडिकल कॉलेज में दो साल बाद हुई एमबीबीएस छात्रों की ग्रेजुएशन सेरेमनी
इंदौर। छात्र एमबीबीएस करने के बाद सिर्फ मेडिकल के क्षेत्र में ही सीमित न रहे उन्हें रिसर्च और सेना में भी अपना करियर तलाशना चाहिए। छात्रों को जीवनपर्यंत अपनी वैज्ञानिक सोच का इस्तेमाल अपने आम जिंदगी में भी करना चाहिए।
ये बातें आरआरकेट के डायरेक्टर शंकर वी. नाखे ने रविवार को एमजीएम मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में आयोजित एमबीबीएस छात्रों के स्नातक समारोह कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि मेडिकल क्षेत्र में प्रोफेशनल एथिक्स का दायरा काफी बढ़ता जा रहा है ऐसे में चिकित्सकों को मरीजों के हितों का ध्यान रखकर काम करने की जरूरत है। रविवार को मेडिकल कालेज परिसर में कालेज के एमबीबीएस कोर्स में वर्ष 2015 में प्रवेश लेने वाले छात्रों की ग्रेजुएशन सेरेमनी (स्नातक समारोह) का आयोजन हुआ। मेडिकल कालेज के आडिटोरियम में रविवार सुबह 10 बजे एमबीबीएस कोर्स के 120 छात्रों को मेडल और डिग्री दी। इस कार्यक्रम में छात्रों के स्वजन भी शामिल हुए। गौरतलब है कि कोविड के कारण पिछले दो साल से मेडिकल कालेज में इस तरह के समारोह का आयोजन नहीं हुआ था। दो साल बाद हुए इस कार्यक्रम में छात्र काफी प्रसन्न थे।
छात्र डा. सूरज यादव ने बताया कि कोविड के कारण कोर्स के दौरान पढ़ाई में दिक्कत जरूर आई लेकिन फिर भी हमने अच्छे से अपना कोर्स पूरा किया। ग्रेजुएशन सेरेमनी में शामिल होने के लिए पुंजपुरा से मेरे पिताजी और मां भी आए हैं। छात्र डा. तरुण सिंह ने बताया कि कोविड में घर से दूर होने पर स्वजन को मेरी काफी चिंता होती थी। कटनी से मेरे पिताजी कार्यक्रम में आए तो उनके चेहरे की खुशी देख मुझे काफी संतोष महसूस हुआ। कार्यक्रम में आरआरकेट के विज्ञानी डा. एसके मजूमदार सहित अन्य विज्ञानी, डीन डा. संजय दीक्षित, डा. सलिल भार्गव भी शामिल हुए।