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सागर

जिस पत्थर से राम मंदिर बना, उससे बनेगा रविदास मंदिर, सागर में 11 एकड़ में चल रहा निर्माण

  • 12 Mar 2024

सागर। सागर जिले के मकरोनिया में संत रविदास महाराज के भव्य मंदिर और कला संग्रहालय का निर्माण चल रहा है। इसे बनाने के लिए राजस्थान के वंशी पहाड़पुर के पत्थर का उपयोग किया जा रहा है। इसी पत्थर का उपयोग अयोध्या का राम मंदिर बनाने में भी किया जा रहा है। राजस्थान के कलाकार इन पत्थरों पर नक्काशी करेंगे।
12 अगस्त 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संत रविदास महाराज के मंदिर का भूमिपूजन किया था। मकरोनिया के बड़तूमा में नागर शैली से इस मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। 11 एकड़ जमीन पर बन रहे मंदिर की लागत 99.69 करोड़ रुपए आएगी। अब तक 25 फीसदी काम हो चुका है, जिससे मंदिर परिसर का आकार नजर आने लगा है। मंदिर निर्माण पूरा करने की समय सीमा अगस्त 2025 तय की गई है।
मकरोनिया के बड़तूमा में संत रविदास मंदिर का काम तेज गति से चल रहा है। मंदिर और भक्त निवास के फाउंडेशन का काम पूरा हो गया है। अब म्यूजियम का काम चल रहा है।
6 महीने में 25 फीसदी काम
8 फरवरी 2023 को संत रविदास महाकुंभ में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बड़तूमा में संत रविदास महाराज का मंदिर बनाने की घोषणा की थी। भूमिपूजन के बाद 1 सितंबर 2023 से निर्माण कार्य शुरू हो गया था। करीब 6 महीने में 25 प्रतिशत काम हो चुका है।
मंदिर का फाउंडेशन पूरा हो गया है। अब म्यूजियम फाउंडेशन का काम चल रहा है। डोरमेट्री प्रथम तल, भक्त निवास प्रथम तल, बाउंड्रीवॉल, कुंड कालोनेड स्ट्रक्चर फाउंडेशन का काम किया जा रहा है। टॉयलेट ब्लॉक स्ट्रक्चर, लाइब्रेरी और कैफेटेरिया प्लिंथ तक का निर्माण कार्य पूरा हो गया है।
अब बात मंदिर में लगने वाले पत्थर की
मप्र पर्यटन विभाग के असिस्टेंट इंजीनियर मनीष डेहरिया बताते हैं कि संत रविदास महाराज मंदिर का निर्माण 10 हजार वर्गफीट में होगा। ऊंचाई 66 फीट रहेगी। मंदिर निर्माण में वंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल रंग के पत्थर का उपयोग किया जाएगा। इस पत्थर पर पानी पड़ने से यह निखर जाता है। लाल पत्थर पर आसानी से नक्काशी की जा सकती है। इसमें टूट-फूट नहीं होती। कारीगर जरूरत के हिसाब से इस पर नक्काशी कर लेते हैं। वहीं, गुलाबी पत्थर हल्का सख्त होता है। इसका उपयोग जमीन पर किया जाएगा। लाल पत्थर का उपयोग गुंबद, पिलर समेत अन्य निर्माण कार्य में किया जाएगा।