महू/(इंदौर)। सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकाप्टर हादसे में निधन महू छावनी को भी झकझोरने वाला रहा। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे को इस हादसे की सूचना महू में ही मिली। वे यहां कमांडर्स कान्फ्रेंस के कार्यक्रम में भाग ले रहे थे। इसके तुरंत बाद वे दोपहर में ही दिल्ली के लिए रवाना हो गए। हादसे में जनरल बिपिन रावत के साथ ब्रिगेडियर एसएल लिड्डर का भी निधन हुआ है। वे यहां के केंद्रीय स्कूल के छात्र रहे हैं। उनके पिता भी सैन्य अधिकारी थे और यहां पदस्थ रहे थे।
महू में जनरल रावत को करीब से जानने वाले कई पूर्व सैन्य अधिकारी हैं। इनमें कोई उनका दोस्त रहा है तो कोई उनके साथ प्रशिक्षण ले चुका है। जनरल रावत वर्ष 2008 में महू के इन्फेंट्री स्कूल में इंस्ट्रक्टर के रूप में पदस्थ रहे। उन्होंने कई बार महू के सैन्य संस्थानों में आफिसर ट्रेनिंग में भी भाग लिया। जनरल रावत को जानने वाले पूर्व सैन्य अधिकारी उन्हें शानदार लीडर और सेना की बेहतरी के लिए हमेशा समर्पित योद्धा की तरह याद कर रहे हैं। जनरल रावत सेना प्रमुख के रूप में वर्ष 2019 में महू आए थे।
आर्मी वार कालेज में जूनियर कमांड का कोर्स किया था कर्नल (सेवानिवृत्त) अनिल उम्मत जनरल रावत के बाल्यकाल के दोस्त हैं। वे बताते हैं कि बचपन में वे दोनों देहरादून में रहते थे और अलग- अलग स्कूलों में पढऩे के बावजूद गहरे दोस्त थे। इसके बाद दोनों इंडियन मिलेट्री एकेडमी देहरादून में वर्ष 1986 में इंस्ट्रक्टर बनकर भी पहुंचे। दोनों ने महू में आर्मी वार कालेज में जूनियर कमांड का कोर्स भी किया था।
2014 में भी हेलीकाप्टर हादसे में बचे थे जनरल रावत कर्नल अनिल उम्मत बताते हैं कि वर्ष 2014 में जब जनरल रावत दीमापुर (नागालैंड) में थ्री कोर के कमांडर थे, तब भी उनका हेलीकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। तब वे बिना किसी चोट के बच निकले थे। महू में ही रहने वाले कर्नल (सेवानिवृत्त) कंवल शर्मा जनरल रावत के कोर्स मेट रहे हैं।
दोनों ने एनडीए में वर्ष 1977 में पढ़ाई की थी। कर्नल शर्मा जून 1978 में पासआउट हुए थे और जनरल रावत उसी साल दिसंबर में। कर्नल शर्मा बताते हैं कि कोर्स में जनरल रावत को बेस्ट कैडेट के तौर पर स्वार्ड आफ आनर दिया गया था। कर्नल शर्मा उन्हें शानदार और प्रगतिशील विचारक के रूप में भी याद करते हैं। उनके मुताबिक सेना प्रमुख रहने के दौरान जनरल रावत ने हर तरह से संगठन की बेहतरी के लिए काम किया।
इंदौर
जनरल रावत की याद आते ही महू में नम हो गईं कई आंखें, सेना प्रमुख के रूप में आए थे
- 09 Dec 2021