जम्मू। जम्मू संभाग में आईईडी मिलना सबसे बड़ी चुुनौती बन गया है। कभी स्टिकी बम, कभी टिफिन आईईडी और प्रेशर कूकर आईईडी। पिछले 10 महीनों में जम्मू संभाग के अलग-अलग जिलों में 15 बार आईईडी बरामद होने के मामले सामने आ चुके हैं।
जम्मू संभाग का कोई एक जिला नहीं बचा, जहां आईईडी न मिली हो। यहां तक कि आईईडी से हमले भी किए गए हैं। कुल मिलाकर जनवरी 2022 से लेकर अब तक जम्मू, राजोरी, पुंछ, कठुआ, सांबा, उधमपुर, रियासी, डोडा, किश्तवाड़, रामबन में आईईडी की बरामदगी के मामले सामने आ चुके हैं।
जानकारी के अनुसार पुंछ में 7 अक्तूबर को आईईडी के साथ महिला गिरफ्तार हुई। 18 जुलाई को जम्मू पुलिस ने खटिंका तालाब, कठुआ और सांबा से 3 आतंकियों को गिरफ्तार किया, इनके पास से 7 स्टिकी बम मिले। 15 सितंबर को रियासी में दो आतंकी गिरफ्तार हुए, इनकी जानकारी पर राजोरी के दो और आतंकी पकड़े गए, इनके पास से 8 स्टिकी आईईडी मिलीं।
उधमपुर के सलाथिया चौक, उधमपुर के पुराने बस स्टैंड और दोमेल चौक पर 3 बार स्टिकी बम से हमले किए गए। 14 मई को कटड़ा से आने वाली बस में स्टिकी बम से हमला किया गया। 20 अप्रैल को राजोरी में स्टिकी बम से हमला किया गया।
उधमपुर के बसतंगढ़ से आतंकी गिरफ्तार किया गया, जिसके पास से 4 आईईडी मिलीं। कठुआ के जाकिर से 7 आईईडी बरामद हुईं। सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान में बैठे आतंकी हैंडलर जम्मू संभाग में आतंकवाद फैलाना चाहते हैं।
देखा जाए तो जम्मू संभाग के हर एक जिले में आतंकी वारदातें पिछले 9 महीनों में हुई हैं। खासकर उधमपुर जिले में तो 3 बड़े हमले भी कर दिए गए। अहम बात यह है कि इसके लिए लगातार आईईडी का इस्तेमाल हो रहा है।
साभार अमर उजाला
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जम्मू संभाग में 10 माह में 15 आईईडी मिलना सुरक्षाबलों के लिए सबसे बढ़ी चुनौती
- 15 Oct 2022