दोहरी जिम्मेदारी से मुक्त होंगे कमलनाथ
इंदौर। कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के साथ ही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर चल रही चर्चाओं पर अगले 15 दिनों में विराम लग जाएगा। इस पद पर नियुक्ति करने के संकेत दिल्ली से मिले हैं जिसके बाद श्री नाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से मुक्त हो जाएंगे। ये भी खबर है कि नए प्रदेशाध्यक्ष के साथ ही प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया भी बदल जाएंगे। उनकी जगह कोई नया नेता ये दायित्व संभालेगा।
हाल ही में सत्ता और संगठन में समन्वय और घोषणा पत्र पर अमल के लिए पार्टी की दो कमेटियों का गठन किया गया है जिसके बाद नए पीसीसी चीफ को लेकर चर्चा चल पड़ी है। कहा जा रहा है कि अब अगला नंबर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का ही है। बीते दिनों भोपाल आए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने भी संकेत दिया था कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के नाम को लेकर एआईसीसी और पीसीसी के बीच का गतिरोध खत्म हो गया है। अब पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी इसका फैसला करने वाली हैं।
बाबरिया की बात पर अब प्रदेश के मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने मोहर लगा दी है। उन्होंने कहा अगले पंद्रह दिन में नये पीसीसी चीफ के नाम का ऐलान हो जाएगा। इसके लिए पार्टी ने चार से पांच नाम का पैनल बनाने पर मंथन शुरू कर दिया है।
अभी मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी हैं। ये पद उन्हें मुख्यमंत्री बनने से पहले से मिला हुआ है। माना जा रहा है कि अब उन्हें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया जाएगा। कांग्रेस नेताओं के बयान बता रहे हैं कि पार्टी ने नये पीसीसी चीफ की खोज का काम लगभग पूर्ण कर लिया है। कई नेताओं के नामों की सूची बना ली है जिनमें से किसी एक पर मुहर लगने वाली है। अब तक पीसीसी चीफ के नाम को लेकर लगाई जा रही सभी अटकलों पर पार्टी विराम लगाना चाहती है। जो संकेत पार्टी के नेता दे रहे हैं उसके मुताबिक अब कमलनाथ संगठन की जिम्मेदारी से हटते हुए सिर्फ सत्ता पर फोकस करेंगे।
ऐसा अनुमान है कि अगले 15 दिनों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हो जाएगी क्योंकि पार्टी को अगले दो-तीन महीनों के भीतर नगर निगम चुनावों में जाना है। हालांकि चुनाव गैरदलीय आधार पर होंगे लेकिन इसमें ज्यादा से ज्यादा कांग्रेस से जुडेÞ नेता चुनाव जीतें, इसके प्रयास नए अध्यक्ष के नेतृत्व में होंगे। पिछले दिनों से वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में तूफानी दौरे शुरू कर दिए हैं, पार्टी इस पर भी विराम लगाना चाहती है।
क्या विजयवर्गीय अब भाजपा संगठन में नंबर 2 होंगे?
नड्डा की टीम में कैलाश की नई भूमिका पर रहेगी सबकी नजऱें
भाजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की ताजपोशी के बाद सभी की निगाहें अब राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की अगली भूमिका पर है। यह तो तय है कि उनका पश्चिम बंगाल का प्रभार और महासचिव पद बरकरार रहेगा। लेकिन यह भी देखना है कि अब कोई और बड़ी जिम्मेदारी भी मिलेगी या नहीं। वहीं यह भी बड़ा सवाल है क्या अब विजयवर्गीय संगठन में नड्डा के बाद नम्बर 2 पर होंगे।
शिवराज और विजयवर्गीय में से कौन होगा ज्यादा ताकतवरफिलहाल यह तो तय है कि भाजपा संगठन में विजयवर्गीय की ताकत पहले से और ज्यादा बढ़ेगी। साथ ही यह भी दिलचस्प होगा कि मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विजयवर्गीय में से कौन ज्यादा ताकतवर होता है। शहर के तमाम नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं और दोनों के समर्थकों को भी इस का इंतजार रहेगा। ये तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा क्योंकि अभी तो कई बदलाव होंगे। वैसे भी दिल्ली और बिहार चुनाव के बाद ही नई कार्यकारणी बनेगी। इधर अध्यक्ष नड्डा के सामने भी अगले महीने होने वाले दिल्ली चुनाव में भाजपा को ताकत के साथ जितवाना और संगठन को और मजबूत करना पहली प्राथमिकता होगी।