भिंड। गर्मी के सीजन में जिले के कई ग्रामीण इलाकों में पानी का संकट बढ़ जाता है। गोहद तहसील में कुछ गांव ऐसे भी हैं जहां पानी की किल्लत ने सामाजिक व्यवस्थाएं ही बिगाड़ दी हैं। गोहद क्षेत्र के योगियन का पुरा, निबरौल, हरिजन कॉलोनी, कमलापुरा, भीलपुरा, कल्यानपुरा, अनंतपुरा गांव में पानी की कमी के कारण लोग अपनी बेटियों की शादी नहीं करना चाहते। यही कारण है कि इन गांवों में कुंवारे युवाओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। वर्तमान में इन गांवों में 35 से 40 ऐसे युवा हैं जो समाज की मान्यता के अनुसार शादी की उम्र पूरी कर चुके हैं, लेकिन उनके लिए रिश्ता ही नहीं आ रहा। ग्रामीण 3 किमी दूर से पानी भरकर ला रहे हैं।
तो गांव के लड़के कुंवारे ही रह जाएंगे
निबरौल, हरिजन कॉलोली, कमलपुरा, भीलपुरा, कल्यानपुरा और अनंतपुरा गांव के बुजुर्गों का कहना है कि पानी की किल्लत के कारण जैसे अभी सगाई टूट रही है, उसे देख लग रहा है कि आने वाले दिनों में युवकों की शादी होना मुश्किल हो जाएगी। पिछले तीन साल में पानी की समस्या के कारण 35 से 40 युवकों की सगाई होने के बाद टूट गई। गांव के बुुजुर्गों का कहना है कि पानी की समस्या खत्म नहीं हुई तो हमारे गांव के युवा कुंवारे की रह जाएंगे। वहीं योगियन का पुरा के लोगों का कहना है कि पानी की समस्या के कारण लोग अपनी बेटियों का रिश्ता करने हमारे गांव में आने से कतराते हैं जिससे गांव में कुंवारों की संख्या बढ़ रही है।
परेशानी कि रिश्तेदारों को भी नहीं बुलाते
लहार के ररी गांव में वर्ष 2018 में 24 लाख रुपए की लागत से नल जल योजना के तहत गांव में दो स्कीम बोर और पाइप लाइन बिछाई जानी थी। ठेकेदार ने 200 मीटर लाइन बिछाकर काम बंद कर दिया। ग्रामीण रोज डेढ़ किमी दूर काथा रोड, मिहोना रोड और लहार रोड से पानी भरकर लाते हैं। ग्रामीण कुलदीप, दिलीप कुमार, सूरज शर्मा का कहना है कि गांव में 20 हैंडपंप हैं सभी पानी छोड़ चुके हैं। इसलिए रिश्तेदारों को भी बुला नहीं पाते।
20 साल से बंद है नल जल योजना
चार दशक पूर्व शुरू हुई अटेर क्षेत्र के ग्राम परा की नल जल योजना ठप हो गई है। ग्रामीण बूंद बूंद पानी को तरस रहे हैं। शुरुआत से 20 साल तक इस योजना से ग्रामीणों की खूब प्यास बुझी, इसके बाद नल जल योजना का संचालन सही तरीके से न होने से ये बंद हो गई। सरपंच ऊषादेवी बताती हैं कि गांव में वर्ष 1981 में शुरू हुई नल जल योजना वर्ष 2000 में बंद हो गई थी। गांव की 10 हजार आबादी के बीच 55 हैंडपंप हैं। इनमें से 16 हैंडपंप खराब हैं।
भिण्ड
जलसंकट ऐसा कि युवाओं की शादी तक नहीं हो रही
- 03 Jul 2021