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टाइमर वाले ट्रैफिक सिग्नल बने मुसीबत

  • 10 Jan 2022

चौराहों पर लग रहे जाम, पहले जवान यातायात का दबाव देखते ही खाली करा देते थे सड़क
इंदौर। पुलिस कमिश्नरी लागू होने के बाद अपराधों पर शिकंजा कसने के साथ ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने पर पुलिस ने फोकस करना शुरू कर दिया है। फलस्वरूप बेहतर ट्रैफिक के लिए कई प्रमुख चौराहों पर नए टाइमर वाले सिग्नल लगाए गए हैं। इन सिग्नलों के लगने से यातायात व्यवस्था सुधरने की बजाए और बिगडऩे लगी है। इसके साथ ही चौराहों पर पुलिस बल भी तैनात किया है, जो यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर कार्रवाई कर रहा है। ड्रोन कैमरे से भी वाहन चालकों पर नजर रखी जा रही है। दरअसल पहले सिग्नल में टाइमर नहीं थे तो चौराहों पर तैनात जवान जिस और यातायात का दबाव अधिक रहता था, वहां की लेन जल्दी खाली करा देते थे, लेकिन अब टाइम पूरा होने पर ही वाहन निकल पाते हैं।
कहां क्या परेशानी
एमआर 10 चौराहा
इस चौराहा से उज्जैन, देवास, इंदौर की ओर वाहनों की आवाजाही होती है। चौराहा पर बड़ी रोटरी है। रोटरी से सटकर मेट्रो ट्रेन की लाइन का काम हो रहा है। सर्विस रोड पर ठेले, आटो व अन्य लोगों ने कब्जा जमा लिया है। अलसुबह से देरशाम तक यहां से हजारों की संख्या में वाहनों की आवाजाही होती है। यात्री बस, भारवाहक वाहन, एंबुलेंस, स्कूली बस, लोकसेवा वाहन लगातार आते-जाते रहते हैं। यहां दो दिन पहले एक मिनट 30 सेकंड का टाइमर सिग्नल लगाया गया है। जिसके रेड होते ही विजयनगर, आईटीआई, कुमेड़ी वाले मार्ग पर जाम की स्थिति बन जाती है।
पाटनीपुरा चौराहा
पाटनीपुरा चौराहा पर कई सालों से ट्रैफिक सिग्नल लगा है। यहां माता मंदिर के पास ट्रैफिक जवान चालानी कार्रवाई भी करते हैं। दो दिन पहले यहां भी टाइमर सिग्लन लगा दिया गया है। इससे गुरुद्वारे और मालवा मिल वाले मार्ग पर जाने वाले वाहन गुत्थम गुत्था होते रहते हैं। यहां सड़क पर दोनों ओर दुकानदारों ने वाहन खड़े कर रखे हैं, इससे भी यातायात व्यवस्था बिगड़ी रहती है
एपीटीसी चौराहा
एरोड्रम थाना क्षेत्र के 60 फीट रोड जाने के लिए वाहन चालक एपीटीसी चौराहा का इस्तेमाल करते हैं, ताकि कम ट्रैफिक वाले मार्ग से चंद मिनट में गंतव्य पहुंचा जा सके। यहां वैसेे भी यातायात का दबाव कम रहता है, फिर भी सवा मिनट वाला टाइमर लगा दिया है।
एमआईजी पर कम समय वाला टाइमर
एमआईजी चौराहा की ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने सिग्नल लगा है। सिग्नल से वाहन चालक करीब 100 से डेढ़ सौ फीट दूर खड़ा रहता है। रेड लाइट होने पर वाहनों की कतार लग जाती है। ग्रीन सिग्नल होने पर जैसे ही वाहन चालक आगे बढ़ता है और बीच रोड तक पहुंचता है, तब तक फिर रेड सिग्नल होने से दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।
यहां जरूरत है ट्रैफिक सिग्नल और रोटरी की
श्रमिक क्षेत्र में तीन चौराहा ऐसे हैं, जहां ट्रैफिक सिग्नल और रोटरी की दरकार है, मगर प्रशासन ध्यान नहीं देता। मालवा मिल, अनोप टॉकीज और बापट चौराहा पर यातायात का अत्यधिक दबाव रहता है। यहां पुलिस भी खड़ी नहीं रहती है। वाहन चालक गुत्थमगुत्था होते चलते हैं। बापट चौराहा से भारवाहक वाहन निकलने से कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी है।