( जन्म: 1880 - मृत्यु: 27 अक्टूबर, 1953)
भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में सम्मिलित होने वाले प्रमुख भारतीयों में से एक थे। टी.एस.एस. राजन का पूरा नाम 'तिरुवेंगीमलाई सेशा सुन्दर राजन' था। इनका जन्म दक्षिण भारत में नागपट्टनम के निकट 1880 ई. में हुआ था। टी.एस.एस. राजन ने विदेश से चिकित्सा की शिक्षा प्राप्त की थी। बाद के दिनों में अपनी चलती हुई प्रैक्टिस छोड़कर वे स्वतंत्रता संग्राम में सम्मिलित हो गए। 1937 में इन्हें मद्रास के स्वास्थ्यमंत्री के पद पर नियुक्त किया गया था। भारत में शिक्षा पूरी करने के बाद इन्होंने कुछ समय रंगून (अब यांगून) में चिकित्सक का काम किया। फिर 1908 में वे उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए। भारत आकर 1914 में उन्होंने त्रिची में अपनी क्लिनिक खोली। इसी समय उनका संपर्क सी. राजगोपालाचारी से और उनके माध्यम से गांधी जी से हुआ। इन दोनों के प्रभावों के कारण वे सार्वजनिक कार्यों की ओर आकृष्ट हुए और 1919 में अपनी चलती प्रैक्टिस छोड़कर होमरूल लीग में सम्मिलित हो गए। उन्होंने रौलट एक्ट के विरोध में भाग लिया और राजाजी के गिरफ्तार होने पर उनके स्थान पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महामंत्री बनाए गए। रौलेट एक्ट का विरोध करने और 1930 के नमक सत्याग्रह में भाग लेने के कारण उन्होंने जेल की सजाएँ भी भोगीं। 1934 में डॉ. राजन कांग्रेस के टिकट पर 'केन्द्रीय असेम्बली' के सदस्य चुने गए थे।
व्यक्तित्व विशेष
टी. एस. एस. राजन
- 27 Oct 2022