चार माह में सवा करोड़ से अधिक की ठगी पकड़ी
इंदौर। सायबर अपराध से लोगों को बचाने के लिए पुलिस की क्राइम ब्रांच, सायबर सेल के साथ बैंकों के द्वारा अपने ग्राहकों को लगातार जागरूक किया जाता है किसी अनजान नंबर पर अपने बैंक अकाउंट, ओटीपी आदि की जानकारी नहीं दें। लगातार इस तरह के अभियान क बावजूद हर दिन अनेक लोग जालसाजों की ठगी का शिकार होकर पुलिस के पास पहुंच रहे हैं। हालांकि इंदौर पुलिस अब हाईटेक तकनीक का उपयोग ठगी की राशि लौटाने में अव्वल साबित हो रही है। यही कारण है कि चार माह में सवा करोड़ से अधिक की ठगी पकड़ी है।
दरअसल पुलिस के पास हर दिन आधा दर्जन से अधिक शिकायतें ठगी की आ रही है, जिनमें आवेदक बताते हैं कि उनके खाते से रुपए निकाल लिए गए है। दरअसल नए वित्तीय वर्ष की शुरूआत में बैंक व अन्य फाइनेंस एजेंसियों ने अपने ग्राहकों के केवायसी अपडेट कराए जाते हैं। बैंक केवायसी अपडेट करने के लिए ग्राहकों को संपर्क करती है। इसका फायदा उठाकर जालसाजों द्वारा बैंक व एजेंसियों के नाम से लोगों को मैैसेज भेज रिमोट एप्लीकेशन डाउनलोड कराकर ठगा जा रहा है।
क्राइम ब्रांच ने इस वर्ष के अब तक के चार माह में ठगी के मामले में आवेदकों को सवा करोड़ से अधिक की राशि वापस कराकर आमजन का विश्वास जीता है। इसमें अप्रैल माह में 32 लाख 69 हजार 84 रुपए आवेदकों को वापस कराने में अहम भूमिका निभाई है।
क्राइम ब्रांच के उपायुक्त निमिष अग्रवाल ने बताया कि ऑनलाइन ठगी रोकने लगातार जागरुकता मुहिम चलाई जा रही है। इसके बावजूद लोग ठगों की बातों में आकर अपनी राशि गंवा बैठते हैं। अधिकांश मामलों में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर ठगों को पकडऩे में सफलता हासिल की है। यही कारण है कि जनवरी 2022 से अब तक ऑनलाइन फ्रॉड की शिकायतों में एक करोड़, 35 लाख, 84 हजार, 206 रुपए आवेदकों को वापस कराए हैं। ये शिकायतें साइबर हेल्पलाइन, एनसीआरपी पोर्टल, सिटीजन कॉप सहित विभिन्न माध्यम से पुलिस तक पहुंची हैं। शिकायतों पर पुलिस की फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन सेल ने आवेदकों से संपूर्ण जानकारी हासिल की। परिणाम यह निकला कि आवेदकों से ठगी गई राशि वापस मिल गई।
इसलिए आ जाते हैं झांसे में
आमतौर पर देखने में आता है कि वित्तीय वर्ष के शुरूआती माह यानि अप्रैल के महिने में बैंक व अन्य फायनेंस एजेंसी फाइनेंस एजेंसी ग्राहकों के केवायसी अपडेट के लिए ग्राहकों से संपर्क करते हैं। इस कारण से ही कई लोग बैंक का मैसेज समझकर सायबर अपराधियों के झांसे में आ जाते है।
मैसेज पर विश्वास न करें, लिंक पर न जाए
ठगी से अचने के लिए पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सायबर अपराधियों द्वारा फर्जी मैसेज और लिंक पहुंचाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा है। सतर्कता से ही इस तरह की धोखाधड़ी से बचा जा सकता है। ऑनलाइन ठगी की शिकायतों में सबसे ज्यादा केवायसी फ्रॉड की होती है। किसी व्यक्ति को फोन, मैसेज अथवा लिंक से केवायसी अपडेट करने का कहा जाए तो वह बिलकुल विश्वास न करें। आवश्यक हो तो बैंक में जाकर ही केवायसी अपडेट कराएं।
सकर्त रहें धोखे से बचें
किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर मोबाइल फोन में एनिडेस्क एप्पलीकेशन डाउनलोड न करें। अज्ञात मोबाइल नंबर से आये हुए टेक्स्ट / व्हाट्सएप मैसेज पर विश्वास न करें। टू कॉलर पर मोबाइल नंबर सर्च करने पर आये हुए मोबाइल कॉलर के नाम पर विश्वास न करें। किसी भी अज्ञात व्यक्ति के कहने पर मोबाइल पर किसी भी प्रकार का ओटीपी शेयर न करें । ऑनलाइन किसी भी कंपनी / बैंक की वेबसाइट ओपन करते समय सुनिश्चित कर लें कि वैबसाइट एचटीटीपीएस से शुरू ओपन हो रही है।
DGR विशेष
ठगी की राशि वापस कराने में ... इंदौर पुलिस अव्वल
- 09 May 2022