सागर में परिजन का चक्काजाम; बोले- डिलीवरी के बाद से तकलीफ में थी
बीना ,(एजेंसी)। सागर में डॉक्टरों की लापरवाही के कारण एक महिला की मौत हो गई। परिजन का कहना है कि एक साल पहले खुरई के रीठौर मिशन अस्पताल में महिला की सिजेरियन डिलीवरी हुई थी। इस दौरान डॉक्टरों ने उसके पेट में कपड़ा छोड़ दिया था। जिसके बाद से उसे पेट में तकलीफ होने लगी। 11 महीने तक दर्द सहने के बाद महिला ने शनिवार को दम तोड़ दिया।
शनिवार रात को परिजन महिला का शव लेकर खुरई पहुंचे। यहां नेशनल हाईवे बीना-सागर रोड स्थित रीठौर मिशन अस्पताल के सामने चक्काजाम कर दिया। उनकी मांग थी कि डॉक्टर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो और बच्ची के भरण पोषण के लिए आर्थिक मदद मिले। देहात थाना प्रभारी धनेंद्र यादव, शहरी थाना प्रभारी शशि विश्वकर्मा टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस के आश्वासन के बाद धरना बंद हुआ। आज शव का पोस्टमॉर्टम होगा।
खुरई देहात थाना प्रभारी धनेंद्र यादव ने बताया कि मर्ग कायम कर लिया गया है। आज शव का पोस्टमॉर्टम कराया जाएगा। पीएम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। मामले की जांच की जा रही है।
ऑपरेशन कर निकाला कपड़ा, 10वें दिन मौत
23 अगस्त 2024 को बहन को सागर के भाग्योदय अस्पताल में भर्ती कराया। चार दिन तक इलाज के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बहन के पेट में कपड़ा फंसा हुआ है, जिसे निकालने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा। 28 अगस्त को ऑपरेशन कराया तो पेट में से कपड़ा निकला। बहन अस्पताल में ही भर्ती रही। 7 सितंबर शनिवार शाम को इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया।
बड़ी आंत में कपड़ा मिला हैं
रीठौर मिशन अस्पताल के मैनेजर आशीष वेंजेबिन ने बताया, महिला की डिलीवरी सितंबर 2023 में अस्पताल में हुई थी। पांच दिन तक वह भर्ती रही, इसके बाद छुट्टी कर दी गई थी। सागर की जिस निजी अस्पताल में उनका ऑपरेशन हुआ है, वहां के डॉक्टर ने चर्चा में बताया कि मरीज की बड़ी आंत में कपड़ा पाया गया है।
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डॉक्टरों ने पेट में कपड़ा छोड़ा, 11 महीने बाद मौत
- 09 Sep 2024