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डेंगू-मलेरिया फीवर में बेहद फायदेमंद है गिलोय का सेवन

  • 01 Aug 2023

आमतौर पर घर हो या बाहर, मच्छर ज्यादातर लोगों के लिए परेशानी की वजह बने हुए होते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में यह समस्या और मच्छरों की संख्या दोनों बढ़ जाती हैं। यही वो मौसम होता है, जब मच्छरों के काटने से होने वाले रोग मलेरिया,डेंगू , चिकनगुनिया, पीला बुखार लोगों को सबसे ज्यादा परेशान करते हैं। समय रहते अगर इस तरह के बुखार के लक्षणों को पहचानकर इनका इलाज न किया जाए, तो व्यक्ति की जान तक को खतरा हो सकता है। ऐसे में अपनी इम्यूनिटी को स्ट्रॉग करके इन रोगों से दूर रहने के लिए व्यक्ति को आयुर्वेद गिलोय का सेवन करने की सलाह देता है। आयुर्वेद में गिलोय को अमृत के समान उपयोगी बताया गया है।     
गिलोय में मौजूद पोषक तत्व
गिलोय में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटी-वायरल, एंटी- बायोटिक, एंटी-एजिंग,एंटी-डायबिटिक और एंटी-कैंसर गुण पाए जाते हैं। इतना ही नहीं गिलोय लंबे समय से रहने वाले बुखार को भी ठीक करने में बेहद असरदार माना गया है। यह डेंगू, स्वाइन फ्लू और मलेरिया जैसी घातक बीमारियों को ठीक करने में औषधि की तरह काम करती है। इसके नियमित सेवन से  शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या और लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ाकर मलेरिया, डेंगू , चिकनगुनिया जैसे बुखार से बचाव करने में मदद मिलती है।
आयुर्वेद के अनुसार कैसे करें गिलोय का सेवन?
आयुर्वेद के अनुसार गिलोय की पत्ती के साथ उसके तने को भी रातभर पानी में भिगोकर रख दें। इसके बाद सुबह गिलोय के इस पानी को गिलोय की पत्तियों और तने के साथ आधार होने तक उबाल लें। इस उबले हुए पानी को आप छानकर पिएं।
अगर आपके पास गिलोय की पत्तियां मौजूद नहीं हैं तो आप उसका पाउडर भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए सुबह गुनगुने पानी और शहद के साथ 1 टीस्पून गिलोय पाउडर को मिलाकर खाली पेट पिएं।
सलाह
आमतौर पर गिलोय का सेवन करने के कोई खास साइड-इफेक्ट्स नहीं हैं, बावजूद इसके गर्भवती महिला या फिर अगर आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो इसका सेवन करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
साभार लाइव हिन्दुस्तान