इंदौर। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने डिजीटल पेमेंट क्रेडिट, डेबिट कार्ड से भुगतान को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है ताकि नोटों सिक्कों पर निर्भरता खत्म हो सके लेकिन वाणिज्य कर, आयकर बचाने बिल नहीं देने के लिए हजारों व्यापारी डिजीटल भुगतान से इंकार कर नकद रूपया मांगते हैं। सराफा, बर्तन बाजार में व्यापारी कहते हैं डिजीटल पैमेंट करना है तो तीन प्रतिशत ज्यादा देना होगा। उपभोक्ता को नकद भुगतान कर टैक्स बचाने की सलाह दी जाती है। बत्रन बाजार में भी जिन व्यापारियों के पास बैंक की डिजीटल पैमेंट की मशीनें हैं वे भी ऐसी ही सलाह देते हैं कि नकद खरीदकर टैक्स बचाएं। ऐसे व्यापारी बर्तन कारखानों से भी बिना बिल गैर कानूनी तरीके से खरीद करते हैं और बेचने में भी सरकार को टैक्स चौरी कर नुकसान पहुंचाते हैं। कई कपड़ा व होजियरी व्यापारी भी लोकन ब्रांड को ऊपर के ऊपर बिना बिल खरीदते व बेच देते हैं। आयकर विभाग व वाणिज्यकर विभाग को गुप्तचर टीम बनाकर खरीददार बनाकर भेजकर ऐसे टैक्स चोर व्यापारियों पर शिकंजा कसना चाहिए।
इंदौर
डिजीटल पैमेंट में कई व्यापारी करते हैं आनाकानी
- 19 Nov 2021