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इंदौर

डायबिटीज से ग्रस्त मरीजों में कोविड-19 के बाद थकान का असर

  • 15 Nov 2021

इंदौर। पोस्ट-कोविड 19 सिंड्रोम (पीसीएस) या लॉन्गकोविड उन मरीजों के स्वास्थ्यलाभ में सबसे बड़ी अड़चन बनकर उभरा है जो सार्स-कोव-2  से संक्रमित थे। कोविड मरीजों को सबसे ज्यादा परेशान करने वाले लक्षणों में मांसपेशियों में दर्द, सिर दर्द, खांसी और सांस फूलना, थकान आदि प्रमुख हैं। पद्म श्री से सम्मानितडॉ अनूप मिसरा, कार्यकारी अध्यक्ष एवं निदेशक, डायबिटीज एंड एंडोक्राइनोलॉजी, फोर्टिस सी-डॉक की संकल्पना पर आधारित और फोर्टिस सी-डॉक, एम्स, सी-नेट, एन-डॉक तथा डायबिटीज फाउंडेशन द्वारा संयुक्त रूप से कराए गए तथा डायबिटीज एंड मैटाबोलिक सिंड्रोम: क्लीनिकल रिसर्च एंड रिव्यूज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन से यह खुलासा हुआ है कि जिन टाइप 2 डायबिटीज  को कोविड-19 हो चुका है उनमें कोविड-19 से प्रभावित नहीं होने वाले लोगों के मुकाबले ज्यादा थकान हावी रहती है। इस अध्ययन के नतीजों से यह पता चला है कि डायबिटीज के कारण कोविड-19 की स्थिति ज्यादा जटिल हो जाती है और इससे मरीज में अत्यधिक रुग्णता और यहां तक कि मृत्यु की स्थिति भी बन सकती है। इसके अलावा, मधुमेह के चलते, विभिन्न पैथोफिजियोलॉजिकल प्रणालियों के जरिए पीसीएस पर भी असर पड़ता है। इसके अलावा, मधुमेह के कारण मरीजों की स्वास्थ्यलाभ की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है। यह दुनियाभर में अपनी किस्म का पहला अध्ययन है। इस अध्ययन का मकसद कोविड-19 से प्रभावित हुए टाइप 2 डायबिटीज मरीजों पर थकान के असर का पता लगाना था और इसके लिए उऋद-11तथा हैंडग्रिप स्ट्रैंथ (जो कि मांसपेशियों की ताकत आंकने का एक तरीका है) की मदद ली गई। साथ ही, मधुमेह से ग्रस्त ऐसे मरीजों की स्थिति का आकलन उन मरीजों के साथ किया गया जो कोविड-19 से प्रभावित नहीं हुए थे। इस अध्ययन के लिए कुल 108 टाइप 2 डायबिटीज मरीजों को शामिल किया गया था।