15 साल में विभाग संभालने वाली छह महिला मंत्री नहीं जीतीं अगला चुनाव
भोपाल। प्रदेश में पिछले 15 साल के अंतराल में जिसने भी महिला और बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाली, उसे या तो मंत्री पद खोना पड़ा है या विधायक का पद गंवाना पड़ा है। प्रदेश के छह महिला नेत्रियों के इस विभाग के मंत्री रहने के बाद के घटनाक्रम तो इसी की ओर इशारा कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री के पद पर मोहन यादव की ताजपोशी के बाद कार्यवाहक सीएम की भूमिका निभा रहे शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी इस तरह की बातें कही जा रही हैं।
कार्यवाहक सीएम चौहान 2021 में इमरती देवी के चुनाव हारने के बाद महिला और बाल विकास विभाग अपने पास रखे थी। उन्होंने किसी को इस विभाग का मंत्री नहीं बनाया था। अब चौहान के सीएम पद से हटने के बाद महिला और बाल विकास विभाग के अधिकारी सबसे अधिक खुश हैं। इस विभाग के अफसरों के सोशल मीडिया ग्रुप्स पर उन मंत्रियों के नाम कल से वायरल हो रहे हैं, जो विभाग के मंत्री रहे और फिर अगले चुनाव में न विधायक न मंत्री बन सके। इस विभाग के अफसरों का कहना है कि उनसे लाड़ली लक्ष्मी, लाड़ली बहना समेत अन्य विभागीय योजनाओं को लेकर काम तो जमकर कराया जाता था, लेकिन जब अफसरों की हित की बात होती, तो नजरअंदाज कर दिया जाता। अब शायद नए मुख्यमंत्री उनकी समस्याओं की सुध लें।
ऐसे रहा मंत्री पद से विधायकी खोने का सफर-
इमरती देवी
इमरती देवी पहले 2018 में बनी कमलनाथ सरकार और फिर शिवराज सरकार में महिला और बाल विकास विभाग की मंत्री रहीं थीं। वे पिछले उपचुनाव में हार गई थीं। उन्हें सुरेश राजे ने हराया था। इस चुनाव में भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अर्चना चिटनिस
अर्चना चिटनिस को 2018 के विधानसभा चुनाव से ठीक दो साल पहले महिला एवं बाल विकास विभाग का मंत्री बनाया गया था, लेकिन 2018 के चुनाव में वे बुरहानपुर विधानसभा सीट से चुनाव हार गईं। उन्हें निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा ने हराया था।
माया सिंह
माया सिंह 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद महिला और बाल विकास विभाग की मंत्री बनीं थीं लेकिन 2018 के चुनाव के दो साल पहले उनका विभाग बदल दिया गया था। इसके बाद 2018 के चुनाव में इन्हें टिकट नहीं दिया गया।
ललिता यादव
ललिता यादव को भी 2018 के चुनाव के पहले महिला बाल विकास विभाग में राज्यमंत्री बनाया गया था। वे भी 2018 का चुनाव हार गईं। हालांकि 2023 में वे जीती हैं।
कुसुम महदेले
2003 में मध्य प्रदेश में बीजेपी सरकार बनने के बाद कुसुम महदेले को महिला एवं बाल विकास विभाग का मंत्री बनाया गया था लेकिन 2008 के चुनाव में उन्हें इसी विभाग का मंत्री रहते हुए महज 48 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
रंजना बघेल
रंजना बघेल को 2007 में महिला बाल विकास विभाग के राज्यमंत्री बनाया गया था लेकिन मंत्री रहते हुए रंजना बघेल मनावर विधानसभा सीट से 2008 का विधानसभा चुनाव हार गईं थीं।
मीना सिंह व जमुना देवी रहीं अपवाद
प्रदेश की दो महिला मंत्री रहीं मीना सिंह ही ऐसी हैं, जो महिला बाल विकास विभाग में मंत्री रहने के बाद भी नहीं हारी। पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष रह चुकीं जमुना देवी इस मिथक पर एक अपवाद रही हैं। वे महिला बाल विकास विभाग की मंत्री रहते हुए भी चुनाव जीतती रही थीं। दिग्विजय सिंह के मंत्रिमंडल में जमुना देवी ने महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी संभाली, लेकिन वे चुनाव नहीं हारीं। इसी तरह मीना सिंह भी 2003 के चुनाव के बाद महिला बाल विकास विभाग की राज्यमंत्री रही हैं, लेकिन चुनाव नहीं हारीं।
भोपाल
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- 13 Dec 2023