इंदौर। निगम चुनाव में नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद चुनावी हल-चल तेज हो गई है। भाजपा और कांग्रेस के महापौर प्रत्याशियो ने पूरी तरह से चुनावी मैदान संभाल लिया है और एक दूसरे पर हमला भी बोलने लगे है। संजय शुक्ला और पुष्यमित्र भार्गव ने शहर के विकास के लिए अलग अलग विजन तैयार किया है जो मतदाताओं को बता रहे है। अगर इन दोनों प्रत्याशियों की आपसी समानताओं पर बात करे तो एक भी समानता नहीं मिल रही है। दोनों ब्राह्मण है बस यही एक समानता है।
इंदौर में विगत 23 साल से भाजपा की परिषद बनी हुई है। इस बार किसकी परिषद बनेगी ये तो 18 जुलाई को पता चलेगा, लेकिन दोनों प्रत्याशियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है की क्या भाजपा प्रत्याशी इंदौर नगर निगम परिषद को बचा पाएंगे, वहीं दूसरी और कांग्रेस प्रत्याशी भाजपा से परिषद छीनने में कामयाब हो सकेंगे। कांग्रेस प्रत्याशी और भाजपा प्रत्याशी जनसंपर्क में जुट गए हैं। मतदाताओं से मन की बात दोनों कर रहे हैं और अपना विजन बता रहे हैं। इन दोनों की समानताओं को देखे तो एक भी समानता नहीं मिलती है।
दोनों दलों में विरोध का दौर
नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद दोनों प्रमुख पार्टियों के टिकिट से वंचित दावेदारों का जमकर गुस्सा फूटा। रविवार को दिनभर विरोध होते रहे। कुछ तो खुलकर प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस की तरह भाजपा में भी विरोध सड़क तक दिखाई दिया। भाजपा में टिकट नहीं मिलने से कई कार्यकतार्ओं और दावेदारों की नाराजगी लगातार सामने आ रही है। टिकट वितरण के बाद से ही कई वार्ड में सामूहिक इस्तीफे देने और लगातार विरोध-प्रदर्शन का दौर चल रहा है।
धोखाधड़ी में आरोपी होने पर भी टिकट देने पर विरोध हुआ
वार्ड 54 और वार्ड 36 के कार्यकतार्ओं ने उनके वार्ड में बाहरी प्रत्याशी का मुद्दा उठाते हुए जमकर हंगामा किया।
वार्ड 50 के भाजपा उम्मीदवार पर एक धोखाधड़ी में आरोपी होने पर भी टिकट देने पर विरोध हुआ।
भाजपाइयों का विरोध बलराम वर्मा, संजय अड़सपुरकर, संजय वर्मा और उनके परिजनों को टिकट नहीं मिलने पर हुआ। इसके पीछे नाम जीतू जिराती का लिया गया।
कुछ लोगों ने अलग टिकट मामले में मधु वर्मा को भी निशाने पर लिया। लोगों ने मधु वर्मा पर सामान्य वर्ग को नाराज करने का आरोप भी लगाया।
वार्ड 64 में भाजपा के मनीष शर्मा मामा का भी विरोध शुरू हुआ। यहां से सिंधिया समर्थक पवन जायसवाल भाजपा से टिकट मांग रहे थे।
कई घोषित उम्मीदवारों का विरोध
वार्ड 11 में लम्बे समय बाद मांगीलाल रेडवाल का टिकट कटा और उनकी नाराजगी भी दिख रही है। यहां से कमल वाघेला को टिकट मिला। इससे प्रजापत समाज भी नाराज है।
कल रात से ही मांगीलाल रेडवाल के इस्तीफे की बात भी सामने आ रही थी।
वार्ड 50 में भी राजीव जैन के टिकट को लेकर भी विरोध के स्वर गूंजे।
वार्ड 42 में भी भाजपाइयों ने बाहरी उम्मीदवार का विरोध किया और स्थानीय उम्मीदवार की मांग की और अगर टिकट बाहरी का नहीं बदलता है तो इस्तीफों की बात भी की है। कांग्रेस में विरोध और इस्तीफे की हवा चली। वार्ड 63 और 65 से दावेदारी जताने वाले लोकसभा पिछड़ा वर्ग कांग्रेस से जुड़े हिमांशु यादव ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी के सभी पद और सदस्यता से समर्थकों के साथ इस्तीफा दे दिया है।
इंदौर
तेज हुई चुनावी हलचल, प्रत्याशियों ने संभाला मैदान
- 20 Jun 2022