Highlights

इंदौर

तेंदुआ कांड में दस दिन बाद भी नहीं आई जांच रिपोर्ट

  • 21 Dec 2021

इंदौर। चिडिय़ाघर से गायब हुए तेंदुए से जुड़े मामले में बुरहानपुर वनमंडल जांच कर रहा है, लेकिन दस दिन बीतने के बाद भी समिति किसी निष्कर्ष तक नहीं पहुंच पाई है। रेंजर सहित तीन वनकर्मी और चिडिय़ाघर के दो कर्मचारियों से पूछताछ हुई, लेकिन अभी तक जांच रिपोर्ट नहीं आई है।
जांच अधिकारी एक व्यक्ति की भी गलती साबित नहीं कर पाए हैं, जबकि वन विभाग और चिडिय़ाघर प्रशासन एक-दूसरे की लापरवाही बताने में लगे हैं। इंदौर वनमंडल में तेंदुए के मिलने की कहानी किसी के गले नहीं उतर रही है। मामले को दबाने के लिए समिति ने इंदौर वनमंडल स्थित रेस्ट हाउस के सीसीटीवी फुटेज भी नहीं खंगाले हैं।
एक दिसंबर को नेपानगर से घायल तेंदुए को लेकर बुरहानपुर वनमंडल का स्टाफ आया था। चिडिय़ाघर स्थित प्राणी चिकित्सालय में स्टाफ नहीं होने से वनकर्मियों ने वाहन वहीं खड़ा कर दिया। अगले दिन तेंदुआ पिंजरा तोड़कर भाग निकला। शुरू से वन विभाग चिडिय़ाघर प्रशासन की लापरवाही बताने में लगा रहा। आखिर में सात दिसंबर को तेंदुआ वनमंडल स्थित डीएफओ कार्यालय के पीछे मिला। इसके बाद भी वन विभाग चिडिय़ाघर से तेंदुए के भागने की बात पर अड़ा रहा। वन विभाग और चिडिय़ाघर के बीच खींचतान होने से संभागायुक्त डा. पवन कुमार शर्मा ने निगम अफसर अभय राजनगांवकर को जांच सौंपी। निगम ने भी जांच के नाम पर बयान दर्ज किए है। इनकी भी रिपोर्ट आनी बाकी है।
वनमंडल कैसे पहुंचा, नहीं लगा सके पता
नगर निगम और वन विभाग ने जांच समिति बनाई, लेकिन दोनों यह पता नहीं लगा पाए कि तेंदुआ आखिरकार वनमंडल के दफ्तर तक कैसे पहुंचा। किसी को भी चिडिय़ाघर के नाले से तेंदुए के भागने की बात पर यकीन नहीं हो रहा है। अफसर भी इसे लेकर कोई प्रमाण नहीं दे पाए हैं। सूत्रों के मुताबिक, नेपानगर से आई टीम पहले वनमंडल रेस्ट हाउस पहुंची। उसके बाद उपचार के लिए तेंदुए को चिडिय़ाघर लाया गया। दोनों टीमें अभी तक रेस्ट हाउस के कैमरे देखने नहीं गई है। जांच समिति भी मामला दबाने में लगी है।