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भोपाल

त्योहारी सीजन में धोखा या ... लापरवाही? सत्यापित कराए बिना ही तौल कांटो पर तुल रही ज्वेलरी

  • 15 Oct 2022

जांच में हुआ खुलासा पौने दो से अधिक असत्यापित निकले तौल कांटे
भोपाल। त्योहारी सीजन में सोने-चांदी के गहनों की मांग बढ़ गई है और सुनारों व ज्वेलरी की दुकानों सहित शो रूम्स पर भी भीड़ दिखाई देने लगा है, लेकिन यह बहुत ही कम ग्राहक जानते हैं जिस ज्वेलरी को वजन करवाकर ले रहे हैं वह सत्यापित तौल कांटे पर तौली जा रही है या नहीं। ज्वेलर्स उनके साथ धोखा कर रहे हैं या फिर उनकी लापरवाही है, जो असत्यापित तौल कांटे का वे उपयोग कर रहे हैं। दरअसल हाल ही में नापतौल विभाग ने पूरे प्रदेश में एक साथ ज्वेलर्स के यहां तौल कांटों की जांच की। विभाग ने प्रदेश के 750 सराफा व्यापारियों के यहां तौल कांटों की जांच की। इसमें से 187 तौल कांटे असत्यापित मिले। जबकि इन इलेक्ट्रानिक तौल कांटों का विभाग से सालाना सत्यापन कराना जरूरी होता है।
पुष्य नक्षत्र और धनतेरस पर होने वाली खरीदारी के दौरान ग्राहकों को सोने और चांदी की ज्वैलरी का सही वजन मिले इसके लिए, लेकिन ज्वेलर्स तौल कांटों का सत्यापन नहीं करा रहे हैं और असत्यापित तौल कांटों से ज्वैलरी ग्राहकों को बेच रहे हैं। ऐसे में विभाग ने इन सभी सराफा व्यापारियों के खिलाफ 2500-2500 रुपए का जुर्माना किया है। यदि ज्वेलर्स जुर्माना जमा नहीं कराते हैं तो विभाग उनके खिलाफ कोर्ट जाएगा।
व्यापारी 500 रुपए भी देने को तैयार नहीं
सराफा बाजार में तौल के लिए क्लास टू के तौल कांटों का इस्तेमाल होता है। इसकी 200 रुपए सत्यापन फीस और केलिब्रेशन जांच मिलाकर करीब 500 रुपए लगते हैं। सराफा व्यापारी यह भी खर्च करने को तैयार नहीं है।
रतलाम का सराफा बाजार प्रदेशभर में प्रसिद्ध है। यहां राजस्थान और गुजरात के ग्राहक भी सोने और चांदी की ज्वैलरी खरीदने के लिए आते हैं। सराफा एसोसिएशन ने जो धर्मकांटा लगा रखा है उसका ही सत्यापन नहीं कराया गया है। रतलाम सराफा व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष झमक भरगट का कहना है कि अधिकारी ही नहीं आते हैं। इलेक्ट्रानिक तौल कांटे वैसे भी बराबर चलते हैं। चेक व्यापारी खुद करते हैं। इससे विभाग से चेक कराने की जरूरत नहीं है। विभाग द्वारा जबरन व्यापारियों से जुर्माना वसूला जा रहा है।
नापतौल विभाग से सत्यापन के बाद ही ज्वेलर्स अपने शोरूम पर तौल कांटे का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके बाद ज्वेलर्स को विभाग से हर साल तौल कांटे का सत्यापन कराना जरूरी होता है। इसकी वजह तौल कांटों का सालभर इस्तेमाल होता है। ऐसे में केलिब्रेशन में अंतर आ सकता है। ऐसे में विभाग इसका सत्यापन करता है।
सत्यापन कराने पर विभाग यह प्रमाण देता है कि ज्वेलर्स जो ज्वैलरी बेच रहे हैं उसका तौल सही है। यदि ज्वेलर्स विभाग से सालाना सत्यापन नहीं कराते हैं तो तौल कांटा असत्यापित माना जाता है। जांच के दौरान ऐसे तौल कांटे मिलने पर विभाग ज्वेलर्स पर जुर्माना कर सकता है।
ग्राहकों को सही तौल मिले इसके लिए पूरे प्रदेश में जांच की
नापतौल विभाग के प्रदेश नियंत्रक कैलाश बुंदेला ने बताया आने वाले दिनो में पुष्य नक्षत्र, धनतेरस जैसे त्योहार आ रहे हैं। ऐसे में ग्राहकों को सही तौल मिले इसके लिए प्रदेश में एक साथ ज्वेलर्स के यहां हमने जांच अभियान शुरू किया है। 750 ज्वेलर्स के शोरूम और दुकानों पर जांच की। 187 के तौल कांटे असत्यापित मिले हैं। इन पर जुर्माना लगाया है। जुर्माना जमा नहीं किया तो कोर्ट में प्रकरण दायर किया जाएगा। विभाग की यह जांच आगे भी जारी रहेगी।